हेमा मालिनी ने बताया क्यों नहीं बनना चाहती मंत्री, कहा- धर्मेंद्र को 15 साल पहले ही मिल जाना चाहिए था 'दादा साहेब फाल्के पुरस्कार'

हेमा मालिनी ने फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार देने की घोषणा पर कहा की दादा साहेब फाल्के पुरस्कार धर्मेंद्र को मिलना चाहिए था जो अब तक नहीं मिला है.

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Hema Malini: हेमा मालिनी 60 के दशक में सिनेमा जगत में आई थी और 70-80 के दशक में बॉलीवुड पर छाई रहीं. हेमा मालिनी वर्तमान समय में मथुरा लोकसभा से सांसद हैं. हेमा मालिनी सांसद है लेकिन उन्होंने बताया है कि वह मंत्री बनना नहीं चाहती हैं. राजस्थान के कोटा में दशहरा मेले के उद्घाटन करने पहुंची हेमा मालिनी ने दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की घोषणा पर मिथुन चक्रवर्ती को बधाई दी. हालांकि उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र को 15 साल पहले ही यह अवार्ड मिल जाना चाहिए था.

हेमा मालिनी क्यों नहीं बनना चाहती मंत्री

कोटा में मीडिया से बात करते हुए हेमा मालिनी ने बताया कि वह कभी मंत्री नहीं बनेगी. उन्होंने कहा, अगर वह मंत्री बनेंगी तो उनका नृत्य का शौक पूरा नहीं हो पाएगा. अगर वह मंत्री बनेंगी तो ऐसे शो नहीं कर पाएंगी. उन्होंने बताया कि नृत्य उनके जीवन में काफी महत्व रखता है. वह अभिनेत्री से पहले नृत्यांगना थी.

धर्मेंद्र को मिलना चाहिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार

हेमा मालिनी ने फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार देने की घोषणा पर कहा की दादा साहेब फाल्के पुरस्कार धर्मेंद्र को मिलना चाहिए था जो अब तक नहीं मिला है. धर्म जी को यह अवार्ड 10-15 साल पहले ही मिल जाना चाहिए था. हालांकि उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती को अवार्ड दिए जाने पर शुभकामना दी. उन्होंने कहा कि मिथुन चक्रवर्ती बेहतरीन फिल्म एक्टर हैं. 

कोटा में फिल्म टूरिज्म की भरपूर संभावनाएं

अभिनेत्री हेमा मालिनी ने कोटा पहुंचने पर कोटा शहर की खूबसूरती की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, जैसलमेर राजस्थान के प्रसिद्ध शहर हैं. लेकिन कोटा शहर भी बेहद खूबसूरत है. यहां की हरियाली और यहां के टूरिस्ट पॉइंट फिल्म टूरिज्म के लिहाज से बेहतरीन है, आने वाले वक्त में कोटा में फिल्म इंडस्ट्री भी दस्तक देगी यहां कई फिल्मों की शूटिंग हुआ करेगी. 

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बच्चों को कला संस्कृति खेल से जुड़ाव रखना जरूरी

मशहूर अभिनेत्री हेमा मालिनी ने अपनी फिटनेस का राज भी डांस को बताते हुए कहा कि बच्चों को किसी न किसी कला एवं खेल से जुड़े रहना चाहिए. इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है साथ ही उनमें सकारात्मक सोच के साथ संस्कृति से भी जुड़ाव रहता है. उन्होंने कहा कि मेरी फिल्मों में एंट्री बाद में हुई है पहले में नृत्यांगना थी. देश में कहीं जगह पर परफॉर्मेंस देने के दौरान ही फिल्म इंडस्ट्री से मुझे बुलावा आया और फिर करीब 200 से अधिक फिल्में मैंने उसे वक्त के बेहतरीन एक्टर के साथ में की. जिनमें से कई फिल्में आज भी लोगों के बीच चर्चा बनती है तो अच्छा लगता है.

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