राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग द्वारा 22 सितंबर को जारी प्रधानाचार्य दिव्या माथुर के स्थानांतरण आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए रोक को दिव्या माथुर के मामले तक सीमित रखते हुए आदेश दिया कि वह फिलहाल उसी स्कूल में प्रधानाचार्य के पद पर बनी रहें. साथ ही, कोर्ट ने राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण को प्रकरण की जल्द सुनवाई करने के निर्देश भी दिए हैं.
पारिवारिक परिस्थितियों का हवाला
याचिका में पारिवारिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए दावा किया गया कि स्थानांतरण नीति की अनदेखी कर दिव्या माथुर को जयपुर से टोंक जिले में भेजने का निर्णय लिया गया, जबकि उन्हें जयपुर में पदस्थ हुए अभी तीन साल भी पूरे नहीं हुए हैं.
ट्रांसफर नियम के विपरीत
याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट बनवारी लाल शर्मा और नमोनारायण शर्मा ने अदालत को बताया कि सेवा अवधि पूरी न होने के बावजूद स्थानांतरण किया गया, जो नियमों के विपरीत है. वकील के दलील के बाद कोर्ट ने प्रिंंसिपल के ट्रांसफर पर अंतरिम रोक लगा दी.
साढ़े 4 हजार प्रिंंसिपल के हुए थे ट्रांसफर
राजस्थान में 22 सितंबर को शिक्षा विभाग ने 4 हजार 527 प्रधानाध्यापकों का ट्रांसफर करने का आदेश जारी किया था. इतने बड़े पैमाने पर प्रिंसिपल के ट्रांसफर करने के आदेश के बाद सियासत भी गरमा गई. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इन ट्रांसफरों को लेकर शिक्षा मंत्री पर पक्षपात के आरोप लगाए थे. दूसरी ओर कई जगहों पर विद्यार्थी अपने प्रिंसिपल के ट्रांसफर का विरोध कर रहे हैं.
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