JK Lone Hospital Plasma Theft: प्रदेश की राजधानी जयपुर के जे के लोन अस्पताल में ब्लड बैंक से प्लाज्मा चोरी के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने सख्ती दिखाई है. विभाग ने मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है. विभाग के हस्तक्षेप के बाद अब इस मामले में अस्पताल प्रशासन की तरफ से एसएमएस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. साथ ही इस मामले में देर से जानकारी देने के कारण अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी सत्येंद्र सिंह से जवाब तलब किया गया है.
उच्च स्तरीय कमेटी करेगी मामले की जांच
इस मामले पर अस्पताल के अधीक्षक डॉ कैलाश मीणा ने कहा कि सूचना मिलते ही हमने अपने स्तर पर एक कमेटी गठित की थी. कमेटी इस मामले की पूरी जांच करेगी. सीनियर प्रोफेसर रामबाबू शर्मा की अध्यक्षता में गठित की है. इस हाई लेवल कमेटी में प्रोफेसर डॉक्टर कपिल गर्ग, आईएचटीएम के एचओडी डॉ बीएस मीणा, अतिरिक्त अधीक्षक डॉ मनीष शर्मा एवं उपाधीक्षक डॉक्टर केके यादव शामिल हैं. साथ ही अब इस मामले में एफआईआर दर्ज करा दी गई है एवं देरी से सूचना देने वाले ब्लड बैंक इंचार्ज सत्येंद्र सिंह से भी जवाब तलब किया गया है. पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है.
क्यों नहीं रखा ब्लड बैंक ने प्लाज्मा का रिकॉर्ड
एसएमएस थाने के प्रभारी सुधीर कुमार उपाध्याय ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. कई ऐसे तथ्य हैं जिन पर जांच केंद्रित रहेगी. प्लाज्मा की अक्सर कमी रहती है ऐसे में ब्लड बैंक प्लाज्मा का रिकॉर्ड क्यों नहीं रख रहा था? 76 बैग का स्टॉक बहुत बड़ा होता है, क्या अकेले टेक्नीशियन इसमें संलिप्त था? सरकारी अस्पतालों में प्लाज्मा फ्री में मिलता है जबकि बाहर इसका रेट 3000 से 4000 रूपये तक है. इसलिए सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या आरोपी प्लाज्मा को निजी ब्लड बैंक के अस्पतालों में बेच रहा था?
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