होलिका दहन में पर्यावरण संरक्षण का संदेश, 100 पेड़ों को बचाने के लिए किया जाएगा यह काम

Holika Dahan 2025: राजस्थान में गाय के गोबर का उपयोग करके होलिका दहन की तैयारी की जा रही है, इससे गौशालाओं को फायदा मिलने के साथ ही पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा.

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कोटा में होलिका दहन के लिए गोबर से बनें पुतले

Environment Protection in Holi 2025: राजस्थान होली का रंग धीरे-धीरे चढ़ने लगा है और इसके साथ ही इस बार की होली में खुछ खास देखने को भी मिलने वाला है. कोचिंग सिटी कोटा में एक बार फिर होलिका दहन पर पूरे देश को पर्यावरण संरक्षण का बड़ा संदेश देगा. कोटा शहर में 50 होलिका का दहन गाय के गोबर से होगा, उसमें लकड़ी का उपयोग नहीं किया जाएगा.

2 साल से दे रहे पर्यावरण संरक्षण का संदेश

पिछले 2 साल से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए लोगों की जागरूकता के लिए इस तरह से कोटा में गाय के गोबर से बने कंडे से होली का दहन किया जा रहा है. मोक्ष जरा फाउंडेशन के अध्यक्ष परितोष गोविल ने बताया कि पिछले 2 सालों से वह पर्यावरण संरक्षण पेड़ों को बचाने के लिए जागरूकता फैला रहे हैं.

पिछले साल 40 होलिका ऐसे ही बनाई गई थी

उन्होंने कहा कि पिछले साल 40 होलिका दहन गौ कास्ट से किया गया था. अब उनका इस बार प्रयास है कि 51 होली का दहन गौ कास्ट से किया जाएगा, ऐसे में पेड़ कटने से बचेंगे. करीब 100 पेड़ कटने से बचेंगे. साथ ही गौशालाओं में निकलने वाले वेस्ट से इन होलिका का दहन हो सकेगा, गौशालाएं सशक्त बनेगी. पर्यावरण संरक्षण का इस तरस बड़ा संदेश देशभर में जाएगा.

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