Jaisalmer News: रेत के दरिया के बीच बसे सुनहरे शहर जैसलमेर को स्वर्णनगरी के रूप में विश्व पर्यटन मानचित्र पर विशेष स्थान प्राप्त है. हर साल सर्दियों के मौसम में यहां पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती है, लेकिन इस बार जनवरी के तीसरे सप्ताह से सैलानियों की संख्या में अचानक गिरावट देखी गई है. होटल व्यवसायियों के मुताबिक कई एडवांस बुकिंग्स कैंसिल हो चुकी हैं, जबकि सामान्य रूप से फरवरी के अंत तक यहां अच्छा पर्यटन सीजन रहता है. कोरोना काल को छोड़कर पहली बार जैसलमेर में जनवरी में ही ऑफ-सीजन जैसे हालात बन गए हैं.
15 जनवरी के बाद अचानक गिरावट आ गई
पर्यटन व्यवसायी विनीत व्यास के मुताबिक उनके होटल की कई बुकिंग जनवरी के तीसरे और चौथे सप्ताह में निरस्त हो गई हैं. नए साल के दौरान 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक जैसलमेर में सैलानियों की जबरदस्त भीड़ थी, विशेषकर 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक पर्यटकों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर रही. लेकिन 15 जनवरी के बाद अचानक गिरावट आ गई और अब पर्यटकों की संख्या सामान्य से 20-25% ही रह गई है.
दीवाली सीजन में भी जैसलमेर में पर्यटकों की संख्या कम रही थी
इस गिरावट का मुख्य वजह प्रयागराज में चल रहा कुंभ मेला बताया जा रहा है, जिसकी शुरुआत 13 जनवरी से हुई है.पिछले साल की तुलना में दीवाली सीजन में भी जैसलमेर में पर्यटकों की संख्या कम रही थी, लेकिन 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच नए साल का पर्यटन चरम पर था. अब आने वाले मरु महोत्सव पर भी कुंभ मेले का असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. यदि यही स्थिति बनी रहती है, तो जैसलमेर का पर्यटन व्यवसाय और अधिक प्रभावित हो सकता है.
भारी आर्थिक नुकसान
इतना ही नहीं, कुंभ मेले के चलते वीकेंड टूरिज्म पर भी नकारात्मक असर पड़ा है. आमतौर पर सप्ताहांत पर पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे स्थानीय व्यवसायियों को काफी राहत मिलती है. लेकिन इस बार न केवल सामान्य पर्यटन धीमा पड़ा है, बल्कि वीकेंड टूरिज्म भी सुस्त नजर आ रहा है, जिससे पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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