Bhilwara House Collapsed: राजस्थान के भीलवाड़ा में अचानक ढह गया मकान, मलबे में दबने से मां-बेटी की मौत

घर का मुखिया भेरू सिंह भी उसी जगह सो रहा था, जहां पर हादसा हुआ. मगर हादसा हुआ जब वह टॉयलेट करने के लिए उठा और बाहर निकाला था. पीछे से घर का बरामदा दरकने की आवाज आई. उसने मुड़ के देखा तब तक घर का बरामदा ढह गया.

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Rajasthan News: राजस्थान में भीलवाड़ा जिले के बड़लियास (Barliyas) गांव में शनिवार रात एक मकान धरधरा कर ढह गया. इस हादसे में मकान के मलबने से मां-बेटी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक मासूम बच्ची घायल हो गई. घटना के बाद बड़लियास गांव में शोक की लहर छा गई, और ग्रामीण 4 घंटे तक प्रदर्शन करते रहे. इसके बाद मां-बेटी के शव को बड़लियास चिकित्सालय में रखवाया गया. आपदा राहत कोष से मदद करवाने के आश्वासन के बाद ही ग्रामीण पोस्टमार्टम को राजी हुए.

1 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन

चश्मदीदों ने बताया कि ये हादसा शनिवार रात करीब 1 बजे हुआ. यह भेरू सिंह रावणा राजपूत का मकान है, जिसके मलबे में उनकी पत्नी और दो बेटियां दब गई थीं. करीब 1 घंटे की मशक्कत के बाद मां और दोनों बेटी को मलबे से बाहर निकाल लिया गया. भेरू सिंह की पत्नी राधा देवी और बेटी सपना कुमारी की मौके पर ही मौत हो चुकी थी. जबकि मलबे में दबने से मासूम बेटी पिंकी गंभीर रूप से घायल हो गई, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद भीलवाड़ा जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. उधर सूचना मिलने पर बड़लियास थाना प्रभारी सिद्धार्थ प्रजापत भी मौके पर पहुंच गए. 

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21 लाख रुपये मुआवजा की मांग

दोनों मां बेटियों के शव को कब्जे में लेकर बड़लियास चिकित्सालय के पोस्टमार्टम रूम में रखवाया, जहां ग्रामीण जमा हो गए. ग्रामीण लगातार प्रदर्शन कर रहे और 21 लाख रुपये के मुआवजे की मांग करते रहे. मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल भी सूचना मिलने के बाद मौके पहुंचे. हादसे की जानकारी ली व शोक संतृप्त परिवार से मुलाकात कर सात्वना दी. सूचना मिलने पर एसडीम अजीत सिंह और भीलवाड़ा मुख्यालय से एसडीम निवृत्ति सोमनाथ भी मौके पहुंचे. इसके बाद आला अधिकारी ने नाराज ग्रामीणों को समझाइस कर पोस्टमार्टम के लिए राजी कर लिया.

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बाल-बाल बची भेरू सिंह की जान

इस दौरान ग्रामीण कैलाश शर्मा ने बताया कि घर का मुखिया भेरू सिंह भी उसी जगह सो रहा था, जहां पर हादसा हुआ. मगर हादसा हुआ जब वह टॉयलेट करने के लिए उठा और बाहर निकाला था. पीछे से घर का बरामदा दरकने की आवाज आई. उसने मुड़ के देखा तब तक घर का बरामदा ढह गया. वह बेबस होकर पूरे हादसे को देखता रह गया. मगर इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोई.

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