Chittorgarh News: "यह घर मेरा है…" ये शब्द अब सिर्फ एक भावना नहीं, एक हकीकत बनकर उभर रहा हैं. जिला कलक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया के मार्गदर्शन में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत शुरू की गई एक नई पहल ने महिलाओं के आत्मसम्मान को एक नई उड़ान देने की दिशा में एक कदम है. इस नवाचार के तहत अब जिन घरों का निर्माण इस योजना के तहत होगा, उनके ऊपर महिला लाभार्थी का नाम लिखा जाएगा.
समाज की नज़रों में घर का मालिकाना हक़ अक्सर पुरुषों से जोड़ा जाता है
बता दें कि सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण और समानता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पेंट कर एक पट्टिका बनाई जाती है जिसमें महिला लाभार्थी का नाम पति के नाम के साथ लिखा जाता है और योजना की राशि भी महिला के खाते में आती है. लेकिन समाज की नज़रों में घर का मालिकाना हक़ अक्सर पुरुषों से जोड़ा जाता रहा है. इस मानसिकता को बदलने के लिए जिला प्रशासन ने यह नवाचार किया है.
यह घर मेरा है और अब मेरी पहचान भी इससे जुड़ी है
यह घर मेरा है और अब मेरी पहचान भी इससे जुड़ी है
इस नवाचार के तहत अब घर के ऊपर महिला लाभार्थी का नाम लिखा जा रहा है. जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि जब महिलाएं अपने घर को देखें तो कहे— यह घर मेरा है और अब मेरी पहचान भी इससे जुड़ी है.
जिला कलक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया इस पाह पर कहती हैं कि हम चाहते है कि जब कोई महिला अपने घर की छत पर अपने नाम को देखे, तो उसे सिर्फ ईंट-पत्थर का घर नहीं, अपनी पहचान, अपना स्वाभिमान और अपनी अहमियत महसूस हो.
यह भी पढ़ें - 'हमें वापस पाकिस्तान मत भेजो' भारत छोड़ने के आदेश के बाद सदमे में पाक शरणार्थी हिंदू परिवार, 1200 लोगों पर संकट