
Pak refugee Hindu families in jaisalmer: कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के आपसी संबंध सही नहीं हैं. आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त फैसले लिए है,जिसके तहत भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल तक भारत छोड़ना पड़ेगा. इस फैसले से भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों शरणार्थी भी चिंतित है.
जैसलमेर के मुलसागर गांव के पास बसी शरणार्थी बस्ती " एकलव्य भील बस्ती" में कई ऐसे पाकिस्तानी हिन्दु शरणार्थी हैं, जो हाल ही में शॉर्ट टर्म वीज़ा पर भारत आए हैं. अब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार का रुख सख्त है और 27 अप्रैल तक का अल्टीमेटम भी दिया गया है. हालांकि लोग टर्म वीज़ा पर रह रहे शरणार्थियों के बारे में अब तक कोई गाइडलाइन्स नहीं आई हैं.
करीब 1200 से अधिक लोग शॉर्ट टर्म वीज़ा पर आए हुए हैं
लेकिन शॉर्ट टर्म वीज़ा पर आए शरणार्थियो के आंखों में डर व आंसु साफ दिखाई दे रहे है. आंकड़ों की बात करे तो केवल जैसलमेर में ही करीब 1200 से अधिक लोग शॉर्ट टर्म वीज़ा पर आए हुए हैं, लेकिन अब उन पर मनो दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है. हमारी टीम जब जैसलमेर के पाक विस्थापित बस्ती पहुंची तो वहां कई ऐसे परिवार मिले जो पहलगाम हमले वाले दिन ही सुबह अटारी बॉर्डर पार के भारत आए है.

खेतोराम
पाकिस्तान से शॉर्ट टर्म विजा पर भारत आए खेतोराम बताते हैं कि वो पाकिस्तान के सिंध के घोटकी में रहते थे. वहां से प्रताड़ना झेलने के बाद परेशान होकर अपने परिवार के साथ इसी सप्ताह भारत आए है. खेतोराम के परिवार में उनकी पत्नी हुरमत(46) बड़ा बेटा अमरलाल (14) और छोटा बेटा अनिल कुमार(11) 22 अप्रैल हिन्दुस्तान आए थे.
पाकिस्तान जैसे नरक में जाना मंजूर नहीं है
फिर जब आतंकी हमले की खबर मिली तो काफी गुस्सा थे और अब उन्हें वापिस जाने का डर सता रहा है. उनका कहना है कि भारत में मरना मंजूर है, लेकिन पाकिस्तान जैसे नरक में जाना मंजूर नहीं है. उन्होंने केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री और ग्रहमंत्री से राहत की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि उनका पुरा परिवार पहले ही आ गया था.अब वो सब कुछ बेचकर भारत आए थे.

बालम का परिवार काफी चिंतित है.
जैसलमेर की एकलव्य बस्ती में करीब 4 - 5 परिवार ऐसे है जो शॉर्ट टर्म वीज़ा पर इस सप्ताह ही पाकिस्तान से बॉर्डर पार कर अपने वतन पहुंचे थे. पाकिस्तान में सिंध के घोटकी के नूर हसन शाह गांव से आया बालम का परिवार काफी चिंतित है. बालम के परिवार में उनकी पत्नी सहनाज और गोद में खेलता छोटा सा बेटा वीर है. NDTV से बातचीत में बालम और उनके परिवार ने पाकिस्तानी वापसी से साफ इंकार कर दिया है,उनका कहना है कि मरना कबूल है परन्तु पाकिस्तान जाना नहीं. बालम की पत्नी सहनाज कहती है कि वहां से सब कुछ छोड़कर अपने वतन शरण लेने आए थे,हमें वापिस मत भेजो.

क्या कह रहा है प्रशासन?
जैसलमेर में पाकिस्तान से आए कई हिंदू परिवार अल्पकालिक वीजा पर भारत में रह रहे हैं. इनका कहना है कि वे धार्मिक उत्पीड़न से भागकर भारत आए थे और अब वापस भेजा जाना उनके लिए खतरा बन सकता है. दीर्घकालिक वीजा (LTV) पर रह रहे लोगों के लिए थोड़ी राहत की खबर है.
CID के एएसपी नरपत सिंह, जो FRRO भी हैं, उन्होंव फोन पर कहा कि गृह मंत्रालय के आदेश का इंतजार है और LTV धारकों को अभी चिंता करने की जरूरत नहीं है. अब देखने की बात यह होगी कि पाकिस्तान से शॉर्ट टर्म विजा पर भारत आए पाक विस्थापित हिन्दु शरणार्थियों को लेकर क्या फैसला आने वाले दिनों में सरकार लेती है.