Rajasthan Assembly: 'हमने नहीं किया तो आप भी नहीं करोगे? फिर क्या अंतर', टीकाराम जूली ने विधानसभा में उठाया सवाल

Rajasthan Assembly Question Hour: राजस्थान विधानसभा में शिक्षा मंत्री के जवाब पर प्रतिक्रया देते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि जो काम कांग्रेस ने नहीं किया अगर वो बीजेपी भी नहीं करेगी तो क्या फिर अंतर?

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नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली.

Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को प्रश्न काल के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिससे प्रदेश की राजनैतिक गलियारों में नई चर्चाएं शुरू हो गईं. ये मामला नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली (Tikaram Jully) के सदन में दिए गए एक बयान से जुड़ा है, जिसमें वे स्पीकर को संबोधित करते हुए कह रहे हैं कि, 'पिछली सरकार जो काम हमने नहीं किया, अगर वो बीजेपी की वर्तमान सरकार भी नहीं करेगी, तो फिर उनमें और हम में क्या अंतर रह जाएगा.'

दरअसल, एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्र मदन दिलावर ने सदन को बताया था कि, 'विधानसभा क्षेत्र आहोर में 6 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जो ग्राम पंचायत मुख्यालयों से 5 KM से अधिक दूरी होने के उपरांत भी माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत नहीं किए गए हैं. इनमें राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सुमेरगढ़ खेड़ा, सेलडी एवं बेदाणा कड़ा को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत करने और आलावासी व देवगढ़ छापरिया के स्कूलों को उच्च प्राथमिक में क्रमोन्नत किए जाने हेतू निदेशालय स्तर से प्रस्ताव प्राप्त हुए थे. लेकिन पूर्ववती सरकार द्वारा विद्यालयों को क्रमोन्नत नहीं किया गया. अब सरकार द्वारा निदेशालय से प्राप्त प्रस्तावों को आवश्यकता के अनुसार आंकलन कराकर तथा वित्तीय प्रावधान के अंतर्गत उक्त विद्यालयों को क्रमोन्नत करने की कार्रवाई की जाएगी.'

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इस जवाब के बाद आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने सदन में शिक्षा मंत्री से निवेदन करते हुए इन सभी विद्यालयों को क्रमोन्नत करके अगले सत्र से शुरू करने की घोषणा करने के लिए कहा. जिसके बाद शिक्षा मंत्री ने सदन को बताया कि प्रस्ताव आने के बाद भी पूर्ववती सरकरार ने इन्हें क्रमोन्नत नहीं किया. जान बूझकर माननीय सदस्य को यहां प्रश्न पूछना पड़ा है. हमारे पास एक विद्यालय अधिशेष है, इसीलिए मैं आलावासी विद्यालय को क्रमोन्नत करने की घोषणा करता हूं.' इसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली अपनी कुर्सी से खड़े हो गए और उन्होंने सदन को संबोधित करते हुए कहा, 'माननीय सदस्य ने प्रश्न पूछा, मंत्री जी ने जवाब दिया कि निदेशालय से प्रस्ताव पास हो गया था और पिछली सरकार ने क्रमोन्नत नहीं किया. अब आपकी सरकार भी क्रमोन्नत नहीं कर रही है. तो फिर आप में और हम में अंतर क्या रह गया? आप सिर्फ 1 विद्यालय को क्रमोन्नत करने की बात कर रहे हैं. मैं सदन के माध्यम से मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि क्या मंत्री जो प्रस्ताव आए हुए हैं, आपने जवाब भी दिया है कि वो क्रमोन्नत होने लायक थे, वो स्कूल पिछली सरकार ने क्रमोन्नत नहीं किए, तो क्या आप पांचों स्कूलों को क्रमोन्नत करने का विचार रखते हैं या नहीं?'

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