Rajasthan News: झालावाड़ में नोटिस के बाद भी चल रहे अवैध ईंट-भट्ठे, अब होगी कार्रवाई

Rajasthan News: झालावाड़ की आबोहवा में जहर घोलने वाले अवैध ईंट-भट्ठों के विरुद्ध तीन महीनों में भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है. सिर्फ 15 दिनों का नोटिस देकर जिम्मेदार अधिकारियों ने इतीश्री कर ली. 

Advertisement
Read Time: 3 mins

Rajasthan News: झालावाड़ में अवैध ईंट-भट्ठों को नोटिस जारी किया गया था. इसके बाद भी ईंट-भट्ठे चल रहे हैं.  जबकि उपखंड, अधिकारी ने साफ तौर पर इन को हटाए जाने के बाद कही थी. अब जबकि मामला जिला कलेक्टर के संज्ञान में आया है तो फिर जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने पूरा मामले को दिखाकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

100 से अधिक ईंट-भट्ठे चिह्नित  

दूसरी ओर सरकारी तंत्र के संरक्षण और मिलीभगत में ही इन अवैध ईंट भट्टों के चलाए जाने की बात भी सामने आ रही है. एनडीटीवी पर समाचार प्रसारित होने के बाद उपखंड अधिकारी ने तहसीलदार को ईंट भट्ठे चिन्हित करने के निर्देश दिए थे.  इसके बाद  100 से अधिक ऐसे ईंट-भट्ठों को चिह्नित किया गया था, जो नियम खिलाफ और अवैध तरीके से चलाए जा रहे थे.  बाद में उपखंड अधिकारी द्वारा भट्टा संचालकों को नोटिस देने की बात कही गई. बताया गया कि नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 

Advertisement

तीन महीने बीतने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई  

3 महीने बीत जाने के बाद भी इस अवैध कारोबार के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.  नया सीजन शुरू होने वाला है और नए भट्टे भी लगना शुरू हो गए हैं, ऐसे में प्रशासनिक कार्य प्रणाली पर सवाल उठाना स्वाभाविक है.  जब ग्राउंड लेवल पर जाकर हालात का जायजा लिया तो बात कुछ और ही निकाल कर सामने आती है. 

Advertisement

 ईंट-भट्ठे चालने वाले बोले-उन्हें नहीं मिला नोटिस 

ईंट-भट्ठे चलाने वालों  कहना है कि उनको कोई नोटिस नहीं मिला है. वह दबे शब्दों में सरकारी तंत्र के लोगों को लाभान्वित किए जाने की बात भी कहते हैं. दूसरी तरफ जब जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कार्रवाई  नहीं किए जाने की बात सामने आई तो झालावाड़ जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने मामले में कदम उठाते हुए अतिरिक्त जिला कलेक्टर को निर्देशित किया है. कार्रवाई करते हुए सरकारी भूमि चारागाह एवं निजी जमीनों पर नियम विरुद्ध चलाए जा रहे हैं.  इन अवैध ईंट-भट्ठों  को हटाया जाए. उन्होंने डीएफओ को भी निर्देश दिए हैं कि वन भूमि पर चलने वाले सभी भट्टों को कार्रवाई करते हुए वहां से हटाया जाए. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: जयपुर में किसने लिखे भारत विरोधी नारे? बालमुकुंद आचार्य बोले- 'मैंने अधिकारियों...'