नाबालिग से कुकर्म-हत्या पर जेल गया मदरसा टीचर, बाहर आया तो बेटी से किया रेप... दरिंदगी की हद पार

अरशद पर साल 2007 में एक नाबालिग से कुर्कम और उसकी हत्या का आरोप लगा था, जिसके बाद दोषी पाए जाने पर उसे 14 साल की सजा सुनाई गई थी.

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नाबालिग को गोद लेकर किया दुष्कर्म

Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे शायद आपका दिल दहल उठेगा. यहां बिहार के रहने वाले मोहम्मद अरशद को गिरफ्तार किया गया है. मोहम्मद अरशद इंसान के रूप में समाज में जीता जागता दरिंदा है. जिसने दरिंदगी की हदें पार कर दी. एक अपराधी को सजा देकर उसे समाज के लायक बनाया जाता है. लेकिन मोहम्मद अरशद ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी. अरशद पर साल 2007 में एक नाबालिग से कुर्कम और उसकी हत्या का आरोप लगा था, जिसके बाद दोषी पाए जाने पर उसे 14 साल की सजा सुनाई गई थी. वहीं जब वह रिहा हुआ तो वह सुधरा नहीं बल्कि इस बार उसने 15 साल की बेटी को ही अपनी दरिंदगी का निशाना बना डाला.

बताया जाता है कि महोम्मद अरशद साल 2024 में जेल से रिहा हुआ था. इसके बाद उसने एक 15 साल की बच्ची को गोद ले लिया और उसके भरण पोषण का वादा किया. लेकिन उस दरिंदे ने नाबालिग बेटी से डेढ़ साल तक दुष्कर्म करता रहा. यह मामला तब सामने आया जब नाबालिग बेटी थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई. जिसके बाद आरोपी अरशद बिहार फरार हो गया. इसके बाद उसे बिहार से गिरफ्तार किया गया है. यह पूरा मामला भरतपुर के सेवर थाना का है.

2005 में नाबालिग युवक से कुर्कम कर हत्या

ग्रामीण सीओ आकांशा चौधरी ने बताया कि 25 जून 2025 को एक नाबालिग से दुष्कर्म करने की FIR दर्ज हुई थी. जिसमें बताया गया था कि बिहार के पूर्णिया का रहने वाला आरोपी मोहम्मद अरसद उर्फ़ लायक ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया है. साथ ही उसे जाति सूचक शब्दों से भी अपमानित किया है. आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. साल 2007 में आरोपी के खिलाफ डीग जिले के पहाड़ी थाने में एक नाबालिग से यौन उत्पीड़न, हत्या करने का मामला दर्ज हुआ था.

2005 में आरोपी मोहम्मद अरसद डीग में एक मदरसे में पढ़ा रहा था. वहां पर उसने अपने साथी के साथ मिलकर एक 14 साल के नाबालिग युवक से कुकर्म किया. उसके बाद युवक की हत्या कर दी. नाबालिग युवक मदरसे में ही पढ़ता था. साल 2007 में आरोपी मोहम्मद अरसद और उसके साथी के खिलाफ FIR दर्ज हुई. साल 2010 में कोर्ट ने मोहम्मद अरसद को आजीवन कारावास के रूप में 14 साल की सजा हुई. वहीं आरोपी साल 2024 में जेल से रिहा हो गया था.

दंपति से पहचान कर बेटी को लिया गोद

बताया जाता है कि सजा के दौरान आरोपी अर्ध खुलाबन्दी में था. इसके तहत वह खुले में मजदूरी करने जाता था और फिर जेल वापस आता था. इसी दौरान उसकी पहचान एक दंपति से हुई. दोनों पति-पत्नी भी मजदूरी करने जाया करते थे. साल 2023 में नाबालिग के पिता की बीमारी के कारण मौत हो गई. वहीं जब साल 2024 में आरोपी जेल से बाहर आया तो उस परिवार की बच्ची की पढ़ाई का खर्चा उठाने लगा. इसके बाद सेवर थाना क्षेत्र में एक कमरा किराए पर ले लिया जिसमें नाबालिग रहती थी. इस दौरान आरोपी ने नाबालिग की मां से कहा कि वह उसकी नाबालिग बेटी का स्कूल में एडमिशन करवाएगा. जिसके बाद वह नाबालिग का सारा पढ़ाई का खर्च उठाने लगा.

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2024 से शुरू हुई दरिंदगी

लेकिन इस बीच ही उसने नाबालिग से दरिंदगी करनी शुरू कर दी. नाबालिग को किसी न किसी बहाने अपने कमरे पर ले जाता और उसके साथ दुष्कर्म करता. आरोपी नाबालिग से 2024 से दुष्कर्म कर रहा था. 25 जून 2025 को नाबालिग आरोपी से परेशान होकर सेवर थाने पहुंची. जहां उसने सारी घटना पुलिस को बताई. पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच की और, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. मंगलवार को  आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है. 

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