आखिर क्यों अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा है वन्यजीव प्रेमियों के साथ विश्नोई समाज, जानें क्या है पूरा मामला

चिंकारा हिरण के शिकार मामले में निष्पक्ष कार्यवाही की मांग को लेकर वन्यजीव प्रेमियों और विश्नोई समाज ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया. साथ ही सड़क जामकर अनिश्चितकालीन धरना शुरु किया.

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हिरण के शिकार के विरोध में धरने पर बैठे लोग

Rajasthan News: जैसलमेर के मोहनगढ़ क्षेत्र में चिंकारा हिरण के शिकार के मामले को लेकर सैकड़ों की तादात में वन्यजीव प्रेमियों और विश्नोई समाज के लोगों ने आज शाम शहीद पूनम सिंह स्टेडियम से रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां आक्रोशित वन्यजीव प्रेमियों और विश्नोई समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर रोड जाम किया. आक्रोशित लोग सड़क पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी भी की.

धरने पर बैठे लोगों की मांग

वहीं प्रशासन और पुलिस द्वारा समझाइस के बाद रोड से हटकर तमाम वन्यजीव प्रेमी कलेक्ट्रेट के सामने धरना स्थल पर पहुंचे. धरना दे रहे लोगों का कहना है कि जब तक चिंकारा का अवशेष नहीं मिलता और शिकारियों को बचाने का प्रयास करने वाले दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होती तब तक वो धरना जारी रखेंगे. वहीं इस मामले से जुड़ी तमाम मांगे न माने जाने तक अनिश्चित कालीन धरना जारी रखेंगे.

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कर्मचारियों की संलिप्तता का आरोप

वहीं आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शिकारियों के साथ मिले हुए है और उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं कई कर्मचारियों पर संलिप्त होंने के आरोप लगाते हुए उनपर कार्रवाई की मांग की है. लोगों का आरोप है कि घटना की सूचना के बाद जिस हनुमान सारण ने मामला दर्ज नही किया था. घटना स्थल पर गए गणेशाराम सारण ने भी लापरवाही बरती थी. वहीं गणेशाराम ने मामला दर्ज किए बिना कोरे कागज पर चश्मदीद के हस्ताक्षर करवाए जो नियम विरुद्ध है. वहीं गवाह पर दबाव बनाने वाले वन विभाग के बेलदार को इस सेवा से बर्खास्त करने की मांग सहित कुल 16 मांगे जिला प्रशासन के सामने रखी है.

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प्रत्यक्षदर्शी की शिकायत के बाद नहीं हुई कार्रवाई 

दरअसल मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में देवासर गांव के पास 23 जनवरी को छुए चिंकारा के शिकार के मामले में प्रत्यक्षदर्शी के शिकायत करने के बाद भी कार्यवाही नही की गई थी. जिस पर वन्यजीव प्रेमियों ने नेहड़ाई में धरना दिया और भूख हड़ताल पर बैठ गएं. विभाग द्वारा 23 जनवरी की घटना में 1 फरवरी को मामला दर्ज किया गया जिसके बाद 2 शिकारियों को गिरफ्तार किया गया. वहीं पास से एक हथियार भी बरामद किया है. 23 जनवरी की शिकार की घटना में 1 फरवरी को मामला दर्ज करना और अबतक चिंकारा के अवशेष बरामद नहीं करने के पीछे संलिप्तता के आरोप लगाए जा रहे है. वहीं चश्मदीद गवाह दिनेश विश्नोई को विभाग के कर्मचारी द्वारा धमकाने के आरोप लगे है.

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