झालावाड़ जिले में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के बाद कालीसिंध डैम के गेट खोल दिए गए. इससे कालीसिंध, आहू नदी की पुलों पर पानी आ गया. जिससे करीब एक दर्जन गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया. इन गांवों में रहने वाले लोगों का शहर आना काफी मुश्किल हो गया है. इसी बीच एक प्रसव पीड़ा से कराह रही एक महिला को परिजनों ने ट्यूब के सहारे नदी पार कराया.
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पहला मामला नहीं है. पहले ही बारिश और डैम खोले जाने के बाद ऐसे ही हालात होते थे. हमेशा से ही ऐसा होता आया है, जब गांव डूब जाता है तो ऐसे में लोग ट्यूब का सहारा लेकर नदी पार करते हैं. परेशानी तो उन महिलाओं की हो जाती है जिन्हें डिलीवरी के लिए जिला मुख्यालय पहुंचना पड़ता है. ऐसे में उन महिलाओं को जान जोखिम में डालकर ट्यूब का सहारा लेकर नदी पार करना पड़ता है.
गौरतलब है कि गागरोन झालावाड़ जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर स्थित है. गागरोन गांव को शहर से जोड़ने वाले सड़क पर स्थित पुलिया नीची होने के कारण अक्सर पानी भर जाता है. खासकर डैम का गेट खुलने के बाद पुलिया पर पानी भर जाता है. जिसके बाद करीब 1 दर्जन गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से कट जाता है. फिर लोग ट्यूब का सहारा लेकर नदी पार करते हैं.
गागरोन की प्रसूता सोमी बाई के साथ भी यही परेशानी आई. फिर परिजन उसे ट्यूब के सहारे नदी पार करवाने के बाद शहर पहुंचे. जहां प्रसूती ने अस्पताल में एक बेटी को जन्म दिया. डिलीवरी के बाद महिला को वापस ट्यूब के सहारे जान जोखिम में डालकर वापस घर गागरोन पहुंचाया गया, हालांकि महिला व बच्चा सुरक्षित हैं.
यह भी पढ़ें - बांसवाड़ा में बारिश से सबसे ज्यादा क्षति, अभी तक 9 लोगों की मौत, फसलों को भी भारी नुकसान