Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर में एक शव यात्रा का अजीब नजारा दिखा. जोधपुर जिले के चेराई में 31 अगस्त की रात हुई भारी बारिश के बाद हालात अब तक सामान्य नहीं हो पाए हैं. चेराई महादेव नगर से होकर यह पानी सामेरी भाखरी तक पहुंच गया है और करीब 10 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. सुमेरी भाखरी से रावलई नाडी जाने वाला मुख्य मार्ग पूरी तरह जलमग्न और क्षतिग्रस्त हो चुका है. ऐसे में बीते गुरुवार को पांचला खुर्द निवासी वार्ड पंच जोगाराम सारण की माताजी, सुगनी देवी (72) पत्नी किशनाराम का निधन हो गया. वहीं शुक्रवार को अंतिम संस्कार के लिए शव को रावलई नाडी ले जाया गया. सारणों की ढाणी से रवलाई नाडी छः किलोमीटर रास्ते में से तीन किलोमीटर पानी से भरा हुआ पड़ा था. ग्रामीणों को इस तीन किलोमीटर पानी में चलकर शव यात्रा निकालनी पड़ी.
ग्रामीणों ने बताया कि शव यात्रा लाते समय रास्ते में दो से ढाई फीट ऊंचे पानी में होकर गुजरना पड़ा. पानी से होकर शव लेकर जा रहे परिजनों व ग्रामीणों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे ग्रामीण स्थानीय सरकार और प्रशासन पर अलग-अलग क्यास लगा रहे.
प्रशासन नहीं करने आया मदद
स्थानीय लोगों ने याद दिलाया कि इसी तरह पिछले शनिवार को भाटियों की ढाणी सामेरी भाखरी के जोगसिंह की शव यात्रा भी इसी पानी में होकर निकाली गई थी, तब भी प्रशासन को सूचना दी गई थी, लेकिन किसी अधिकारी ने मौके पर आकर हालात का जायजा नहीं लिया और न ही किसी तरह की मदद की.
स्थानीय लोग बुलदान सिंह भाटी, रूपाराम, गोपाल सिंह, ओमराम, मूलाराम, दुर्गाराम, लक्ष्मण सारण, दलपत सिंह, परबत सिंह, हुकमाराम और देवाराम ने कहा कि कई बार शिकायत और गुहार लगाने के बावजूद प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर समस्या का समाधान नहीं किया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द पानी की निकासी, मार्ग की मरम्मत और स्थायी समाधान नहीं किया गया तो युवा वर्ग के नेतृत्व में बड़ा आंदोलन और धरना-प्रदर्शन किया जाएगा.
ग्रामीणों का कहना है कि सामेरी भाखरी में सारणों की ढाणियों में बुजुर्ग बीमार और कुछ महिलाएं गर्भवती हैं, जिन्हें आपातकालीन स्थिति में भी पानी से होकर गुजरना पड़ेगा.
पिछले साल भी थी एसी स्थिति
स्थानीय लोग बता रहे हैं कि पिछले साल भी बारिश के समय चेराई, महादेव नगर सहित 10 किलोमीटर क्षेत्र में लगभग तीन महीने तक पानी खेतों में पड़ा रहा था. इस साल भी संभावना है कि यह पानी लगभग दो से तीन महीने तक बना रहेगा, जिससे कीचड़ व गंदगी से बिमारियां फैल जाएगी. ग्रामीणों ने प्रशासन से तात्कालिक रूप से राहत एवं मदद की मांग की.
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