Rajasthan News: ठगों से ठगी करता था शातिर, स्पेशल टीम का इंचार्ज बन देता था वारदात को अंजाम

गिरफ्तार किया गया आरोपी खुद को पहले बीएसएफ में होना बताता था. साथ ही अपनी सोशल मीडिया की प्रोफाइल पर आर्मी की वर्दी में फोटो लगा रखा था.

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Rajasthan News: राजस्थान के डीग के मेवात क्षेत्र में एंटीवायरस अभियान चल रहा है. जिसके जरिए साईबर अपराधियों पर पुलिस लगातार कार्रवाई को अंजाम दे रही है. लेकिन अब एक नया मामला सामने आया है जहां ठगों से ही ठगी की जा रही थी. यह ठग इतने शातिर थे कि खुद को स्पेशल टीम का इंचार्ज बताकर पुलिस की कार्रवाई से बचाने के लिए पैसे की मांग करते थे. लेकिन इन शातिरों को आईजी स्पेशल टीम और डीग पुलिस ने दो अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया है.

गिरफ्तार किया गया आरोपी खुद को पहले बीएसएफ में होना बताता था. साथ ही अपनी सोशल मीडिया की प्रोफाइल पर आर्मी की वर्दी में फोटो लगा रखा था.आरोपियों के कब्जे से एक बोलेरो गाड़ी भी जब्त की गई है.

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बुलडोजर कार्रवाई से बचाने के लिए ठगे थे पैसे

आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि डीग के मेवात क्षेत्र में एंटीवायरस अभियान चल रहा है. इस अभियान के चलते आरोपी डर रहे हैं. एक ठग के द्वारा इन्हीं ठगों से ठगी करने का एक मामला सामने आया है. आरोपी अलवर जिले के गांव गोर पहाड़ी निवासी फरीद उर्फ राहुल उर्फ मानू उर्फ मानसिंह है. आरोपी ने सोशल मीडिया की प्रोफाइल पर आर्मी की वर्दी पहनकर फोटो लगा रखा है. वह खुद को बीएसएफ में होना बताता है और हाल ही में स्पेशल टीम का इंचार्ज बताकर कर ठगों से संपर्क कर उनके मकान बुलडोजर कार्रवाई नहीं करवाने और एफआईआर से नाम निकलवाने के नाम का झांसा देकर उनसे पैसे लेने का प्रयास कर रहा था. स्पेशल टीम को इसकी जानकारी मिली  इसकी रिकॉर्डिंग और अन्य शिकायतों के आधार पर मामला दर्ज कर डीग पुलिस के साथ मिलकर पकड़ लिया.

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इसके साथ दो अन्य आरोपी अलवर निवासी तौफिक और अलीशेर को भी गिरफ्तार कर एक बोलेरो गाड़ी बरामद की है.यह तीनो आरोपी डीग के मेवात क्षेत्र में सक्रिय थे और ठगो के साथ ठगी करने का प्रयास कर रहे थे.

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आईजी ने दी अपराधियों को चेतावनी

आईजी राहुल प्रकाश ने मेवात के लोगों से अपील की है कि इस तरह के झांसे में नहीं आएं. अगर कोई भी व्यक्ति आपसे संपर्क करता है और कहता है पुलिस की कार्रवाई से बचा लूंगा जिस अपराधी ने अपराध किया है वह धन और दबाव के आरोप में बच नहीं सकता. इसके अलावा अगर कोई अपराधी नहीं है फिर भी उसका नाम एफआईआर में आ गया है तो आप जांच और अनुसंधान में सहयोग करें. अगर आप अपराधी नहीं हैं किसी ने आपका नाम रंजिश वश लिखा दिया है या गलती से आ गया है. इस चीज के सबूत मिलते ही आपका नाम स्वतः ही इस मामले से अलग हो जाएगा. पुलिस किसी भी निर्दोष आदमी को जानबूझकर नहीं फंसाती. अगर आप अपराधी हैं और किसी से संपर्क कर उसके झांसे में आकर पैसे के लोभ में बचने का प्रयास कर रहे है तो यह भ्रम निकाल दीजिए. इन लोगों में कुछ हाई प्रोफाइल हो सकते है. जिनका क्षेत्र विशेष में नाम होता है वह भी इस तरह का काम कर सकता है. अगर इस तरह की कोई घटना होती है तो आप मेरे नंबर पर कॉल करके बता सकते है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति अधिकारी बनकर पैसे लेने का प्रयास करता है तो उसकी स्थिति बदतर कर दी जायेगी.

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