बीजेपी नेताओं और प्लेसमेंट एजेंसी की गजब की सेटिंग, स्वच्छ परियोजना के 14 पदों पर रिश्तेदारों और परिचितों को मिला मौका

प्लेसमेंट एजेंसी ने 14 पदों पर बीजेपी नेताओं के परिजन, रिश्तेदार और उनके परिचितों की नियुक्ति की है. जिसमें बीजेपी जिला अध्यक्ष और नगरपरिषद के उपसभापति की पत्नी और पूर्व मंत्री का भाई भी शामिल है.

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Rajasthan News: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में जनजाति विभाग की स्वच्छ परियोजना में चीफ कॉर्डिनेटर, कॉर्डिनेटर ओर असिस्टेंट कॉर्डिनेटर की पोस्ट पर बीजेपी नेताओं की प्लेसमेंट एजेंसी से गजब की सेटिंग सामने आई है. प्लेसमेंट एजेंसी ने 14 पदों पर बीजेपी नेताओं के परिजन, रिश्तेदार और उनके परिचितों की नियुक्ति की है. जिसमें बीजेपी जिला अध्यक्ष और नगरपरिषद के उपसभापति की पत्नी और पूर्व मंत्री का भाई भी शामिल है. हालांकि स्वच्छ परियोजना से जुड़े अधिकारी पूरे मामले को लेकर प्लेसमेंट एजेंसी पर ठिकरा फोड़ रहे हैं.

जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग में स्वच्छ परियोजना के तहत डूंगरपुर जिले में कई तरह के कार्यक्रम संचालित है. परियोजना के तहत डूंगरपुर जिले में चीफ कॉर्डिनेटर, कॉर्डिनेटर ओर असिस्टेंट कॉर्डिनेटर के 43 पद है. जिस पर कार्मिक लगे हुए थे. लेकिन स्वच्छ परियोजना की ओर से पिछले दिनों 11 कार्मिकों को हटा दिया गया. जबकि 3 पोस्ट पहले से खाली चल रही थी. इन पदों पर प्लेसमेंट एजेंसी बिमलराज आउटसोर्सिंग प्राइवेट लिमिटेड के जरिए भर्ती की गई.

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डूंगरपुर में बीजेपी नेताओं का खेल

प्लेसमेंट एजेंसी के मार्फत पिछले दरवाजे से बीजेपी नेताओं के परिवार ओर रिश्तेदारों को ही चीफ कॉर्डिनेटर, कॉर्डिनेटर ओर असिस्टेंट कॉर्डिनेटर के पोस्ट पर सलेक्ट कर दिया गया है. इसमें डूंगरपुर से बीजेपी जिलाध्यक्ष हरीश पाटीदार की पत्नी गायत्री पाटीदार, डूंगरपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रहे बंशीलाल कटारा के नजदीकी सुखलाल पटेल को चीफ कॉर्डिनेटर की पोस्ट कर लगाया है. जबकि डूंगरपुर नगर परिषद में उपसभापति सुदर्शन जैन की पत्नी जया जैन को कॉर्डिनेटर ओर पूर्व राज्यमंत्री सुशील कटारा के भाई हेमेंद्र कटारा के भाई को कॉर्डिनेटर की पोस्ट पर लगाया है. इसके अलावा कई बीजेपी नेताओं के नजदीकियों को स्वच्छ परियोजना के इन पदों पर चयन किया गया है. ऐसे में प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए हुई इस भर्ती पर कई सवाल खड़े हो रहे है. 

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भर्ती को लेकर सभी 14 पदों की एक लिस्ट भी वायरल हो रही है. जिस पर लोग बीजेपी नेताओं की ओर से अपने ही परिवार में पत्नी, भाई ओर रिश्तेदारों को पदों पर लगाने से राजनीतिक फायदा उठाने के आरोप लग रहे है. इधर इस मामले में स्वच्छ परियोजना के अधिकारी अनिल पहाड़िया ने बताया कि उदयपुर ऑफिस से ही प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए भर्ती हुई है. इसमें प्लेसमेंट एजेंसी ने किसका चयन किया और किसका नहीं इसकी जानकारी नहीं है.

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