राजस्थान में नाबालिग को थाने में पिलाया गया पेशाब... प्राइवेट पार्ट में घुसाया डंडा! परिजनों ने लगाई न्याय की गुहार

आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस ने नाबालिग के साथ गलत व्यवहार किया. नाबालिग को पुलिस ने पेशाब पिलाया और उसके प्राइवेट पार्ट में डंडे घुसाए. अब इस मामले में परिजन और ग्रामीण सीकर एसपी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

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Rajasthan News: राजस्थान के सीकर जिले में कथित रूप से इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जिले के खंडेला थाना इलाके के भोजपुर गांव में एक नाबालिग को चोरी के मामले में पूछताछ के लिए पुलिस थाने लेकर आई थी. वहीं अब आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस ने नाबालिग के साथ गलत व्यवहार किया. नाबालिग को पुलिस ने पेशाब पिलाया और उसके प्राइवेट पार्ट में डंडे घुसाए. अब इस मामले में परिजन और ग्रामीण सीकर एसपी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं पुलिसकर्मियों से कुछ सवाल पूछ रहे हैं.

थानाधिकारी ने आरोप को बताया झूठा

परिजन और ग्रामीण एसपी ऑफिस के बाहर मुख्य सड़क पर हाथों में न्याय की गुहार के पोस्ट लेकर धरने पर बैठे रहे. धरना प्रदर्शन करने के बाद नाबालिग के परिजनों ने पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव को मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई. वहीं मामले को लेकर खंडेला पुलिस का कहना है की चोरी के मामले में तफतीश के लिए नाबालिग के पिता के साथ थाने पर बुलाया गया था. पूछताछ में नाबालिग ने चोरी करना स्वीकार किया है. पुलिस पर दबाव बनाने के मारपीट सहित अन्य झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं.

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नाबालिग को छुड़ाने गए दादा के साथ भी मारपीट

मामले में जानकारी देते हुए ग्रामीणों ने बताया कि 21 अक्टूबर की रात को करीब साढे 11:30 बजे खंडेला पुलिस चोरी के एक मामले में एक 13 साल के नाबालिग को उसके घर से उठाकर ले आई. पुलिस थाने में पुलिसकर्मियों ने नाबालिग के साथ जमकर मारपीट की और प्राइवेट पार्ट में डंडा घुसा दिया. मारपीट से नाबालिग के हाथों में सूजन आ गई और पैर में चोट आई. नाबालिग ने जब पीने के लिए पानी मांगा तो उसे पेशाब पिलाया गया. सुबह जब नाबालिग के दादा उसे छुड़ाने के लिए पुलिस थाने पहुंचे तो उनके साथ भी मारपीट की गई. 

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दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग

ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने मामले में ना तो रिपोर्ट दर्ज की और ना ही नाबालिग का मेडिकल करवाया. जबकि पुलिस अधीक्षक से भी कई बार इस मामले को लेकर गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभी तक मामले में सुनवाई नहीं हुई जिसके चलते आज एसपी ऑफिस पर धरना दिया गया. परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि हमारी मांग है कि पीड़ित परिवार का मुकदमा दर्ज कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और जो भी दोषी है उनको निलंबित किया जाए. मामले में जल्दी कार्रवाई नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी गई.

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पुलिस ने क्यों नहीं दर्ज किया FIR

ग्रामीण किशोर दुल्हेपुरा का कहना है कि अगर बच्चा चोर था और बच्चे ने चोरी कबूल की है तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की. अगर बच्चा दोषी था तो उसे बाल न्यायालय में क्यों नहीं पेश किया. अगर बाल न्यायालय में बच्चों को पेश किया जाता तो बाल न्यायालय तय करता है कि इस बाल सुधार गृह भेजा जाए या घर. पुलिस हमारे इन सारे सवालों के जवाब दे यही हमारी मुख्य मांग है.

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