नाबालिग के साथ दरिंदगी पर मिली 20 साल की सजा, FSL के अधिकारी की लापरवाही पर कोर्ट नाराज

न्यायाधीश ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में अभियुक्त सीताराम गुर्जर को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 2 लाख 5 हजार के जुर्माने से दंडित किया है.

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Rajasthan News: राजस्थान के टोंक में एक नाबालिग के साथ दरिंदगी के मामले में कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ सजा सुनाई है. न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने नाबालिग से दुष्कर्म करके उसे गर्भवती करने के मामले में अभियुक्त सीताराम गुर्जर को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 2 लाख 5 हजार के जुर्माने से दंडित किया है. वहीं दूसरी ओर ब्लड सेंपल लेने वाले डॉक्टर और FSL टीम की लापरवाही पर न्यायाधीश ने नाराजगी जाहिर की है.

कोर्ट ने पीड़िता के ब्लड सेंपल लेने वाली डॉक्टर और FSL अधिकारी की गंभीर लापरवाही सामने आने के बाद सख्ती बरती गई है. कोर्ट ने दोनों विभागों से तीन महीने में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.

क्या था पूरा मामला

साल 2022 में दतवास थाने में पीड़िता के पिता ने एक रिपोर्ट दी थी कि उसकी पुत्री के साथ सीताराम गुर्जर ने दुष्कर्म किया. वहीं बाद में उसे डरा कर परिवार को जान से मारने की धमकी देकर लगातार उससे दुष्कर्म करता रहा. वहीं इसके बाद नाबालिग गर्भवती हो गई. इस बात का पता तब चला जब पीड़िता के पेट में दर्द हुआ. इसके बाद पीड़ित नाबालिग ने सारी बातें परिवार को बताई. वहीं पिता ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया. पुलिस ने साल 2023 में इस मामले में चार्टशीट फाइल की. 

इस मामले को लेकर अभियोजन पक्ष की तरफ से कोर्ट में 15 गवाह ओर 29 साक्ष्य पेश किए गए थे. इसके बाद विशिष्ठ न्यायधीश मधुसूदन शर्मा ने फैसला सुनाते हुए अभियुक्त को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 2 लाख 5 हजार का जुर्माना लगाया है.

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वहीं इस मामले में डॉक्टर और FSL टीम की लापरवाही भी सामने आई है. ऐसे में कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए तीन महीने में विभागीय कार्यवाही करते हुए रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.

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