गहलोत सरकार में सचिन पायलट का फोन टैप किया गया, उनकी हर बात पर नजर रखी गई...OSD लोकेश शर्मा ने किया खुलासा

खुलासों पर सचिन पायलट ने कहा कि , "मैंने लोकेश शर्मा का बयान देखा है. यह अजीब है, क्योंकि वह मुख्यमंत्री के ओएसडी थे. इसलिए यह चिंता का विषय है. मेरा मानना ​​है पार्टी इस बात पर गौर करेगी कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा. इसमें कितनी सच्चाई है इसकी भी जांच होनी चाहिए."

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लोकेश शर्मा के बयानों ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है

राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है. पार्टी 69 सीटों पर सिमट गई है. पार्टी की हार के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के OSD लोकेश शर्मा (OSD Lokesh Sharma) ने हार का ज़िम्मेदार अशोक गहलोत को बताया. शर्मा ने गहलोत पर सचिन पायलट (Sachin Pilot) के फ़ोन टैप करने के आरोप भी लगाए. 

ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) लोकेश शर्मा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि 2020 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की बगावत से पहले और उस दौरान पायलट की गतिविधियों और फोन को गहलोत नीत सरकार द्वारा ‘ट्रैक' किया गया था.

लोकेश शर्मा ने आरोप लगाया कि, ''जब 2020 का राजनीतिक संकट आया. सचिन पायलट अपने 18 विधायकों के साथ चले गए थे. ऐसी स्थिति में सरकार ने अपनी मशीनरी को काम में लगाया था. तब हर किसी पर नजर रखी जा रही थी. ये लोग कहां जाते हैं, किससे मिलते हैं और वे किससे बात करते हैं. सब कुछ सर्विलांस पर था." 

आसानी से रोका जा सकता था राजस्थान का नुकसान   

लोकेश शर्मा ने कहा, "राजस्थान का नुकसान आसानी से रोका जा सकता था. अपने सर्वे के आधार पर मैंने अशोक गहलोत से कहा था कि उन्हें मौजूदा विधायकों को बदलने की जरूरत है. साथ ही, सीएम को सचिन पायलट के उठाए गए पेपर लीक मुद्दे पर भी ध्यान देना चाहिए, लेकिन गहलोत-पायलट की अंदरूनी कलह ने विधानसभा चुनाव में पार्टी पर भारी असर डाला. ये चुनाव हम जीत सकते थे."

25 सितंबर की घटना प्रायोजित थीः शर्मा 

शर्मा ने कहा कि अगर पिछले साल सितंबर की घटनाएं नहीं होतीं, जब विधायक दल की बैठक को गहलोत के वफादारों ने नहीं होने दिया था और कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने उस एजेंडे को पूरा किया होता, जिसके लिए वे आए थे, तो राजस्थान में तस्वीर इससे कुछ अलग होती. उन्होंने 25 सितंबर को राजस्थान में विधायक दल की बैठक को स्थगित कर आलाकमान के आदेश की अवहेलना की घटना को प्रायोजित करार दिया था. 

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शर्मा ने कहा कि, कांग्रेस नेतृत्व परिवर्तन करना चाहता था और पायलट को मुख्यमंत्री बनाना चाहता था. उन्होंने कहा कि गहलोत और पायलट के बीच मतभेदों ने पार्टी की संभावनाओं को 'नुकसान' पहुंचाया.

अशोक गहलोत को बताया हार का ज़िम्मेदार 

इससे पहले, लोकश शर्मा ने हार पर अशोक गहलोत को ज़िम्मेदार बताया था. सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक लम्बी पोस्ट कर अशोक गहलोत पर नए लोगों को मौक़ा न देने का आरोप लगाया था. शर्मा ने लिखा, ‘‘कांग्रेस पार्टी राजस्थान में निःसंदेह रिवाज बदल सकती थी, लेकिन अशोक गहलोत जी कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे. यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत की शिकस्त है.''

शर्मा के अनुसार इस विधानसभा चुनाव में,‘‘गहलोत के चेहरे पर, उनको खुली छूट देकर, उनके नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा और उनके मुताबिक प्रत्येक सीट पर वे स्वयं चुनाव लड़ रहे थे. न उनका अनुभव चला, न जादू और हर बार की तरह कांग्रेस को उनकी योजनाओं के सहारे जीत नहीं मिली और न ही अथाह ‘पिंक प्रचार' (महिला केंद्रित) काम आया.''

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उन्होंने लिखा है,‘‘तीसरी बार लगातार मुख्यमंत्री रहते हुए गहलोत ने पार्टी को फिर हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया. आज तक पार्टी से सिर्फ़ लिया ही लिया है, लेकिन कभी अपने रहते पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं करवा पाए गहलोत.''

शर्मा ने कहा, ‘‘आज के ये नतीजे तय थे. मैं स्वयं मुख्यमंत्री को यह पहले बता चुका था, कई बार आगाह कर चुका था, लेकिन उन्हें कोई ऐसी सलाह या व्यक्ति अपने साथ नहीं चाहिए था जो सच बताए.''

पायलट बोले- OSD का बयान चिंताजनक 

हालांकि सचिन पायलट ने OSD लोकेश शर्मा के बयान को आश्चर्यजनक बताया. उन्होंने कहा, ‘‘वह बड़ा आश्चर्यजनक है, क्योंकि वह मुख्यमंत्री के ओएसडी का बयान है. इसलिए चिंता का विषय भी है.'' उन्होंने आगे कहा कि,‘‘मुझे पूरी उम्मीद है कि पार्टी इस पर ध्यान देगी कि ऐसा क्यों कहा गया. क्या सच है-. क्या झूठ है, लेकिन उन्होंने ऐसा बोला है तो मैं समझता हूं कि यह अपने आप में बड़ी चिंता का विषय है.''

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