राजस्थान के सीकर जिले की लोसल नगर पालिका की बैठक में पार्षदों के बीच मारपीट और महिलाओं के साथ अभद्रता करने का मामला सामने आया है. साधारण सभा की बैठक के दौरान पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने एक दूसरे पर कुर्सियां फेंकी और गाली-गलौज करते हुए एक दूसरे के साथ जमकर धक्का-मुक्की भी की. मामले को बढ़ता देख कुछ देर के लिए मीटिंग स्थगित कर दी गई. इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में मीटिंग दुबारा शुरू की गई और शेष बचे एजेंडों को बहुमत से पारित कराया गया.
इस कारण हुआ था हंगामा
लोसल नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सहदेव चारण का कहना है कि चार एजेंडों को लेकर पालिका सभागार में साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में 35 पार्षदों में से 33 पार्षद उपस्थित रहे. बैठक में 33 में से 20 पार्षदों ने एजेंडों पर अपनी सहमति जताई और पक्ष में मतदान किया. वहीं बाकी पार्षदों ने एजेंडो में शामिल प्रस्तावों पर विरोध जताया. बैठक शुरू होते ही महिला पार्षदों के प्रतिनिधि सहित कई लोग सभागार में पहुंच गए. इस दौरान अधिशासी अधिकारी सहदेव दान चारण ने महिला पार्षदों के प्रतिनिधि और सदन में पहुंचे अन्य लोगों को बाहर जाने को कहा तभी विपक्ष के पार्षदों ने हंगामा खड़ा कर दिया. विपक्ष के पार्षदों ने एजेंडें की प्रति में किसी भी पार्षद का नाम लिखे बिना ही उनके घर तक पहुंचने का आरोप लगाते हुए बैठक में पहुंचे प्रतिनिधियों को बाहर नहीं भेजने को लेकर जमकर हंगामा किया.
सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने लगाए नारे
करीब 20 मिनट तक चले हंगामे के बाद अधिशासी अधिकारी ने बैठक को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया. इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षद नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर आए और पालिका परिसर में सत्ता पक्ष के पार्षदों ने विधायक परसराम मोरदिया जिंदाबाद तथा विपक्ष के पार्षदों ने परसराम मोरदिया मुर्दाबाद के नारे लगाए.
पुलिस की मौजूदगी में सम्पन्न हुई बैठक
हंगामे की सूचना के साथ लोसल थाने की टीम भी नगर पालिका परिसर पहुंच गई और मामले में पार्षदों से वार्ता कर मामला शांत करवाने की कोशिश की, करीब 20 मिनट बाद पुलिस की मौजूदगी में सदन की कार्रवाई फिर से शुरू हुई. बैठक शुरू होते ही अधिशासी अधिकारी ने एक नंबर एजेंडें ईदगाह के लिए भूमि आवंटन पर विचार को लेकर चर्चा शुरू करने की बात कही, लेकिन विपक्ष के पार्षदों ने उपस्थिति रजिस्टर में दिवंगत पार्षदों के नाम लिखे होने और बैठक को स्थगित कर सभी पार्षदों को एजेंडें की प्रति नाम लिखकर नियमों के तहत दोबारा सात दिवस में बैठक बुलाने की मांग रखी.
नगर पालिका लोसाल के नेता प्रतिपक्ष बीआर हरिपुरा का कहना है कि बैठक साधारण सभा की बैठक न होकर कोई साधारण सार्वजनिक बैठक बनकर रह गई. गोचर भूमि को ईदगाह के लिए देने के मामले में अधिशासी अधिकारी को कोर्ट द्वारा 23 सितंबर को नोटिस भी मिल चुका है कि इस भूमि पर किसी भी प्रकार का कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता तो फिर ईदगाह के लिए देने की तो बात ही नहीं उठाती है. सत्ता के दबाव में पालिका प्रशासनिक तानाशाही रवैया अपना कर यह काम किया है जो लोसल क्षेत्र के लिए काला दिन साबित होगा.
यह भी पढ़ें: ICICI बैंक की भीमपुरा शाखा में 1.5 करोड़ का घोटाला, 29 लोगों की जमा राशि गायब, ऑडिट में खुलासा