India Pakistan Ceasefire: पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम लेवल तक पहुंच गया था. पाकिस्तान की ओर से लगातार सघर्ष विराम का उल्लंघन करके एलओसी (LOC) पार से गोलाबारी की जा रही थी. साथ ही श्रीनगर, बाड़मेर, जैसलमेर और अमृतसर समेत सीमावर्ती शहरों पर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए जा रहे थे. जिसका भारतीय सेना भी मुंहतोड़ जवाब दे रही है. भारत के जवाबी हमले पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा है. भारत ने पाकिस्तान के रडार सिस्टम और एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया.
पाक DGMO ने भारत को किया फोन
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि भारत के जवाबी एक्शन में पाकिस्तानी हवाई ठिकानों- स्कार्दू, जैकोबाबाद और भोलारी को भारी नुकसान हुआ है. भारतीय सेना पाकिस्तान के एफ-16 और जेएफ-17 फाइटर जेट को मार गिराया है. वहीं, लाहौर में एक एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट किया गया है.
ऐसे में पाकिस्तान के डीजीएमओ का भारत के डीजीएमओ को कॉल करना और कहना कि सीजफायर के लिए वह तैयार है. यह पाकिस्तान पर भारत करारा हमले का नतीजा है. संघर्ष विराम को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत ने अपनी शर्तों पर सीजफायर किया है और 12 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ फिर से बात करेंगे. पाकिस्तान के खिलाफ अन्य प्रतिबंध पहले की तरह जारी रहेंगे.
कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करते हुए कहा कि एस-400 डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है. ब्रह्मोस मिसाइल बेस भी सही सलामत है. पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने अपने जेएफ-17 से हमारे एस-400 और ब्रह्मोस बेस को नुकसान पहुंचाया, जो पूरी तरह से गलत है. पाकिस्तान ने अफवाह फैलाई थी कि उसने हमारे आयुध डिपो को नुकसान पहुंचाया, जो गलत है और हमारे आयुध डिपो पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
भारत के एक्शन से पाक को भारी नुकसान
भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी नुकसान पहुंचाया है, चाहे वह जमीन पर हो या हवा में. एलओसी के पास पाकिस्तान के कमांड और कंट्रोल, सैन्य ढांचा और सैन्यकर्मियों को काफी नुकसान पहुंचा और पाकिस्तान की सुरक्षा और हमला करने की क्षमता नष्ट कर दी गई है.
पकिस्तान 1971 जैसी बेइज्जती अब झेलने की हिमाकत नहीं करना चाहता है. यह जानना भी जरूरी है कि आखिर पाकिस्तान को 2025 में भी 1971 वाला खौफ अंदर ही अंदर क्यों खाए जा रहा था?
दरअसल, 1971 में जब बांग्लादेश की मुक्ति के लिए भारतीय सेना और पाकिस्तानी सेना युद्ध के मैदान में थी तो उस जगह की स्थानीय आबादी, जो अब बांग्लादेश कहलाती है, पाकिस्तान के खिलाफ सक्रिय रूप से संघर्ष कर रही थी. भारत की सेना को वहां की जनता का पूरा समर्थन प्राप्त था, लेकिन 2025 में ऐसा नहीं है. आज पाकिस्तानी सेना अपनी जनता और जनमत पर लगभग पूरी तरह से नियंत्रण रखती है.
पाकिस्तान में घुसकर भारत का प्रहार
ऐसे कठिन हालात में भी भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर उसके आतंकी ठिकानों को तबाह किया है और आतंक के संरक्षकों का जीवन तहस-नहस कर दिया है. 1971 के विपरीत, अब पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं. इसके बावजूद, भारत शायद एकमात्र ऐसा देश है, जिसने एक परमाणु संपन्न राष्ट्र की सीमा में घुसकर बार-बार प्रहार किया है.
पाकिस्तान भी जानता है कि यह 1971 वाला भारत नहीं है. जब उस समय पाकिस्तान के 90 हजार से ज्यादा सैनिक हमने कैदी बनाकर रख लिए थे तो अभी तो भारत पहले से ज्यादा संपन्न, समृद्ध और आत्मरक्षा करने में सक्षम है. भारतीय सेना आधुनिक हथियारों से लैस है.
1971 से कई गुना मजबूत भारत
1971 के मुकाबले हमारी सैन्य शक्ति कई गुना बेहतर है. तब हमने जब पाकिस्तान को घुटने टेकने पर विवश कर दिया था तो अब उसका क्या हश्र होता, यह वह अच्छी तरह से जानता है. 1971 में महज 13 दिन की लड़ाई में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे और उसके 90 हजार से ज्यादा फौजियों को हमने युद्धबंदी बना लिया था. 1971 में जो देश पाकिस्तान के साथ खड़े थे, उनके साथ अभी भारत के कूटनीतिक और व्यापारिक संबंध बेहतर हैं.
ऐसे में पाकिस्तान के लिए इस युद्ध में लंबे समय तक टिका रहना मुश्किल था. फिर क्या था, उसे तीन-चार दिनों में ही अपनी गलती का एहसास हो गया और उसने युद्ध के हालात और उसके लिए विनाशकारी हों, इससे पहले ही फोन कर अपना डर जाहिर कर दिया. पाकिस्तान यह भी जानता है कि अगर इस बार वह ज्यादा देर तक उलझा रहेगा तो 1971 की तरह उससे और टुकड़े होंगे. बलूचिस्तान और पीओके उसके हाथ से चला जाएगा.
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