Delhi News: आज 79वें स्वतंत्रता दिवस पर, लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसा सपना देश के सामने रखा, जो कुछ साल पहले तक सिर्फ कल्पना लगता था. उन्होंने ऐलान किया कि भारत अब सिर्फ चांद और मंगल पर ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में भी अपनी धाक जमाएगा. पीएम मोदी ने साफ-साफ कहा कि 'हम अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाएंगे'. यह बयान इस बात का सबूत है कि 'नया भारत' अब सिर्फ जमीन पर नहीं, आसमान में भी आत्मनिर्भरता की उड़ान भर रहा है.
क्यों खास है यह ऐलान?
अभी तक गिने-चुने देशों, जैसे अमेरिका, रूस और चीन के पास ही अंतरिक्ष में अपनी प्रयोगशालाएं हैं. इन देशों ने मिलकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) बनाया है, जिसका इस्तेमाल वैज्ञानिक शोध के लिए किया जाता है. लेकिन अब भारत भी इस दौड़ में शामिल होने जा रहा है. अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाने का मतलब है कि हम अंतरिक्ष से जुड़ी अपनी रिसर्च खुद कर सकेंगे और किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहेंगे. यह हमारी तकनीकी प्रगति और वैज्ञानिक क्षमता का सबसे बड़ा सबूत होगा.
पीएम मोदी ने इस बात पर गर्व जताया कि भारत का अंतरिक्ष सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का भी जिक्र किया, जो अंतरिक्ष स्टेशन से वापस आ रहे हैं. शुभांशु शुक्ला जैसे युवा वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों की वजह से ही भारत अंतरिक्ष में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है.
युवा शक्ति और स्टार्टअप्स का कमाल
पीएम मोदी ने बताया कि अंतरिक्ष सेक्टर में हुए हालिया सुधारों के कारण 300 से ज्यादा स्टार्टअप इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं. यह बताता है कि हमारे देश के युवा सिर्फ नौकरी करने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बन रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हजारों युवा इस पर काम कर रहे हैं. यही हमारे युवाओं की ताकत है... यही हमारा हमारे युवाओं पर भरोसा है.' ये युवा नए-नए सैटेलाइट बना रहे हैं, रॉकेट लॉन्च कर रहे हैं और अंतरिक्ष से जुड़ी नई तकनीकों पर काम कर रहे हैं. यह सब 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक बड़ा कदम है.
इसके अलावा, भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' की तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं. इस मिशन के तहत भारत अपने अंतरिक्ष यात्रियों को खुद अंतरिक्ष में भेजेगा. पीएम मोदी का स्पेस स्टेशन बनाने का ऐलान 'गगनयान' मिशन को और भी महत्वपूर्ण बना देता है, क्योंकि भविष्य में हमारे अंतरिक्ष यात्री इसी स्पेस स्टेशन पर जाकर काम कर सकेंगे.
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