भारत-पाक तनाव के बाद उर्स में पाकिस्तानी जायरीन के आने पर संशय, 17 द‍िसंबर को अजमेर दरगाह में चढ़ेगा झंडा

जियारत को लेकर पाकिस्तान की ओर से कोई गतिविधि न दिखने से अंदेशा जताया जा रहा है कि भारत-पाक तनाव का सीधा असर अजमेर दरगाह की अंतरराष्ट्रीय जियारत पर पड़ेगा.

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अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज के 814वें उर्स को लेकर इस बार पाकिस्तान से आने वाले जायरीन पर सस्पेंस बना हुआ है. आमतौर पर उर्स से एक महीने पहले पाकिस्तान में अखबारों में विज्ञापन जारी कर आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाती है, लेकिन इस वर्ष अब तक विज्ञापन प्रकाशित नहीं हुआ है, और न ही कोई आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई है. उर्स का झंडा 17 दिसंबर को चढ़ेगा. 1974 के भारत-पाक 'प्रोटोकॉल ऑन विजिट्स टू रिलिजियस श्राइंस' के तहत हर साल लगभग 500 पाकिस्तानी जायरीन अजमेर आते हैं, लेकिन तनाव के समय यह प्रावधान पहले भी कई बार प्रभावित होता रहा है. हालांकि, उर्स को लेकर दरगाह परिसर में रंग रोगन और तैयारी शुरू कर दी गई है.

तनाव की कड़वाहट दिखने लगी

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम आतंकी हमले और दिल्ली बम धमाकों ने भारत-पाक रिश्तों में गंभीर कड़वाहट पैदा की है. 22 अप्रैल के पहलगाम हमले में 26 नागरिकों की हत्या के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच 4 दिन तक सैन्य तनाव और सीमा पर गोलाबारी चली. दिल्ली धमाके के बाद सुरक्षा तैयारियां और सख्त कर दी गई हैं. इसी वजह से माना जा रहा है कि पाकिस्तान इस बार जायरीन भेजने को लेकर सतर्क रुख अपना रहा है, जबकि भारत की ओर से भी अतिरिक्त सुरक्षा जांच की संभावना जताई जा रही है.

रेलवे को भी नहीं मिली जानकारी

अजमेर जिला पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने बताया कि अब तक पाकिस्तानी जायरीन के आने की कोई औपचारिक सूचना उनके पास नहीं पहुंची है. इसी तरह अजमेर रेल मंडल के CDCM कैप्टन मिहिर देव ने भी कहा कि रेलवे को अभी तक जियारत स्पेशल ट्रेन के संबंध में कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं. हर साल पाकिस्तानी जायरीन विशेष ट्रेन से आते हैं, पर इस बार स्थिति स्पष्ट नहीं है. उधर सुरक्षा एजेंसियां हालिया आतंकवादी घटनाओं को देखते हुए हाई-अलर्ट मोड में हैं. यदि पाकिस्तान की ओर से अंतिम क्षणों में अनुमति मिलती भी है, तब भी जियारत के लिए कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू रहने की संभावना है.

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