Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा के प्रश्नकाल में शुक्रवार को कालीबाई भील और देवनारायण स्कूटी वितरण में हो रही देरी का मुद्दा गूंजा. भाजपा विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने उच्च शिक्षा मंत्री से सवाल किया कि अब तक छात्राओं को स्कूटी क्यों नहीं मिली और देरी की असल वजह क्या है? उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने स्कूटी वितरण को लेकर आंकड़े पेश किए, लेकिन विपक्ष ने उनके जवाब से असंतोष जताया.
स्कूटी बांटी जाएंगी या नहीं?
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे समय में सितंबर में स्कूटी बांट दी गई थी, फिर आचार संहिता लग गई. अब स्कूटी खड़ी हैं, बच्चों की लिस्ट जारी हो चुकी है, लेकिन उन्हें स्कूटी क्यों नहीं दी गई. टीकाराम जूली ने सवाल किया कि जिन कारणों से देरी हुई, उन पर कार्रवाई होगी या नहीं? इस पर मंत्री प्रेमचंद बेरवा ने कहा कि जांच चल रही है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
योजना के बारे में जानिये
राजस्थान में काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना के तहत 12वीं कक्षा में अच्छे अंक लाने वाली छात्राओं को स्कूटी दी जाती है. कॉलेज निदेशालय की ओर से अभी सत्र 2023-24 की छात्राओं को स्कूटी दे रहा है. लेकिन इससे पहले के सत्र 2022-23 की एक हजार छात्राओं को अब तक स्कूटी नहीं मिली है.
सत्र 2022-23 की छात्राएं स्कूटी पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही हैं. छात्राओं की ओर से कई बार प्रदर्शन करते हुए स्कूटी देने की गुहार लगाईं गई. लेकिन बेटियों को शासन व प्रशासन से केवल आश्वासन ही मिला. जबकि ये स्कूटिया सरकार की ओर से 28 मार्च 2024 को खरीद ली गई थी. 19 मई को प्रत्येक छात्रा के नाम से आरटीओ रजिस्ट्रेशन व बीमा तक भी चुका है.
लेकिन ये स्कूटी टीवीएस कम्पनी के एक डीलर के बाड़े में 9 माह पहले ही आ गई थी. लेकिन इन स्कूटी को वितरण करने की जहमत ना तो टीएडी विभाग और न ही कॉलेज निदेशालय ने उठाई.
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