Rajasthan Politics: पायलट को मिला बीजेपी नेताओं का साथ! केंद्रीय मंत्री बोले- गुर्जर समाज चमड़ी तक उधेड़ लेता है

Sachin Pilot: केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने तो यहां तक इशारा कर दिया कि साल 2018 में पायलट के नाम पर वोट मिला था, लेकिन जब उन्हें सीएम नहीं बनाया तो कांग्रेस चुनाव हार गई.

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Rajasthan: गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद के कार्यक्रम में कल 23 जनवरी को कांग्रेस नेता सचिन पायलट की काफी चर्चा रही. बीजेपी नेता भी पायलट का समर्थन करते नजर आए. केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने तो यहां तक इशारा कर दिया कि साल 2018 में पायलट के नाम पर वोट मिला था, लेकिन जब उन्हें सीएम नहीं बनाया तो कांग्रेस चुनाव हार गई. उन्होंने कहा कि राजस्थान (Rajasthan) का समाज तो बहुत मजबूत समाज है. यह जब किसी को देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है. जब लेने पर आता है चमड़ी तक उधेड़ लेता है और यह करके दिखाया भी है. इसके बाद बीजेपी नेता विजय बैंसला (Vijay Bainsla) ने भी सचिन पायलट के समर्थन में नारे लगवाए. बैंसला और पायलट के साथ मंच साझा करने पर भी काफी चर्चाएं हुईं.  

हमारे मत और दल अलग एक हैं, उद्देश्य एक- केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री गुर्जर ने मंच पर सचिन पायलट की ओर देखते हुए कहा, "सचिन जी, मुझे कहने में कोई संकोच नहीं है, विजय बैंसला बैठे हैं. हर चुनाव में मुझे भी राजस्थान आने का मौका मिलता है. जब आप प्रदेश अध्यक्ष थे तो इस प्रदेश के समाज ने छप्पर फाड़ कर वोट दिया. किस लिए दिया यह आप भी जानते हैं और समाज भी जानता है, लेकिन उसके बदले में कुछ नहीं मिला. मैं जो कह रहा था वह करके भी समाज ने दिखाया. हमारे मत और दल अलग हो सकते हैं, लेकिन उद्देश्य एक है, समाज को मजबूत करें. समाज हित को सर्वोपरि रखें."

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बैंसला ने पायलट के लिए कहा- हम भी साथ हैं, चिंता मत करो 

जब बीजेपी नेता विजय बैंसला की भाषण की बारी आई तो उनके संबोधन से पहले लोगों ने नारे लगाए- 'पायलट तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं यह नारेबाजी शुरू कर दी.' उन्होंने सचिन पायलट का स्वागत करते हुए कहा कि हम सबके लाड़ले-प्यारे सचिन पायलट को प्रणाम. बैंसला के इस बात को सुनते ही शोर शुरू हुआ. जब नारेबाजी शुरू हुई तो विजय बैंसला ने भी कहा, हम भी साथ ही हैं चिंता मत करो.

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सचिन पायलट ने भी दिया जवाब

जब हर वक्ता ने सचिन पायलट को लेकर बात कही तो उन्होंने भी इस पर जवाब दिया कि राज्य सरकार में ही नहीं, केंद्र में भी कमी है. मेरा अनुभव यह रहा है कि जो व्यक्ति, नेता, विचारधारा, संगठन लोगों को जोड़ने की बात करता है. जो व्यक्ति कठिन समय में कड़वा घूंट पीकर भी लोगों को एकत्रित करने का काम करता है, उसे लोग लंबे समय तक याद करते हैं. पायलट ने कहा कि यह इतना बड़ा देश है, इतना बड़ा राज्य और समाज है, अलग-अलग सोच हो सकती है. आपस में गलतफहमी पैदा करना बहुत आसान काम है. लेकिन बातों को समझ कर सोच विचार करके अपनी कार्यप्रणाली से अगर हम उदाहरण प्रस्तुत करते हैं तो उसको देखकर लोगों को प्रेरणा मिलती है.

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