जयपुर फायरिंग केस: बाइक लूट का झूठा आरोप लगा दोस्तों संग रची खतरनाक साजिश, स्पेशल टीम ने किया खुलासा

राजधानी जयपुर के करधनी थाना इलाके में 2 अक्टूबर की रात एक युवक पर अज्ञात बदमाशों ने फायरिंग की, जिसके बाद मामले में एक नया मोड़ सामने आया है. पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.

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Jaipur Firing Case: राजधानी जयपुर के करधनी थाना इलाके में 2 अक्टूबर की रात को एक रेस्टोरेंट के बाहर अज्ञात बदमाशों ने एक युवक पर फायरिंग कर दी थी. फायरिंग के बाद घायल युवक को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है. इस मामले में करधनी थाना पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. बाइक लूट का आरोप लगाने वाला राहुल मीणा ही फायरिंग करने वाले आरोपियों का मुख्य सहयोगी निकला है. वारदात को अंजाम देने के लिए उसने खुद ही अपनी बाइक उपलब्ध करवाई थी.

वहीं आरोपी जय सिंह और उसके साथियों ने फायरिंग की वारदात को अंजाम दिया था. वही फायरिंग करने वाले आरोपी जय सिंह के पूर्व केसवार सुरेश फागोडिया को अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया है.

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फायरिंग के दौरान युवक के पेट में लगी गोली

डीसीपी वेस्ट अमित कुमार बुडानिया के मुताबिक 3 अक्टूबर को परिवादी राहुल मीणा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 2 अक्टूबर को रात के समय वह अपने दोस्त अभय सिंह के ऑफिस पर गया था. ऑफिस पर अभय सिंह के साथ अन्य लोग बैठे हुए थे. 2 अक्टूबर की रात को करीब 8:30 बजे 3 लड़के एक स्कूटी पर सवार होकर आए और अभय सिंह की बोलेरो गाड़ी के कांच तोड़ने लगे और हवाई फायर कर दिया. फायरिंग के दौरान एक गोली प्रतीक सिंह राठौड़ उर्फ मोनू बन्ना के पेट में लग गई. फायरिंग की वारदात में जयसिंह पिड़वा और 2 अन्य लोग थे.

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स्पेशल टीम का गठन

मामले की गंभीरता को देखते हुए एडिशनल डीसीपी वेस्ट नीरज पाठक और एसीपी झोटवाड़ा सुरेंद्र सिंह राणावत के निर्देशन में करधनी थाना अधिकारी हरिश्चंद्र सोलंकी के नेतृत्व में स्पेशल टीम का गठन किया गया. पुलिस की स्पेशल टीमों ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरो के फुटेज खंगाले. घटनास्थल पर एफएसएल मोबाइल यूनिट को बुलाकर निरीक्षण किया गया. वहां आर्टिकल्स और फायर किए गए खाली कारतूस को बरामद किया गया.

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पुलिस को हुआ संदेह तो सख्ती से की पूछताछ

घायल प्रतीक सिंह राठौड़ उर्फ मोनू बन्ना का वैशाली नगर खातीपुरा स्थित प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है. परिवादी राहुल मीणा की ओर से आरोप लगाया गया कि फायरिंग करने वाले बदमाश उसकी मोटरसाइकिल लूट कर फरार हो गए. पुलिस के अनुसंधान के दौरान परिवादी की ओर से दी गई रिपोर्ट और उसकी बताई गई बातों पर संदेह हुआ.

पुलिस ने सख्ती से गहन पूछताछ की, तो सामने आया की घटना में परिवादी राहुल मीणा की ओर से जयसिंह पिड़वा, दीपू चोराड़ी और उदय सिंह उर्फ प्रिंस के साथ मिलकर रेंटल कार को नहीं देने पर अभय सिंह और उसके साथियों को डराने धमकाने, गाड़ी में तोड़फोड़ करने और हवाई फायरिंग करके दहशत फैलाने की योजना बनाई गई थी.

झूठी कहानी बनाकर दर्ज करवाई रिपोर्ट

परिवादी राहुल मीणा ने योजना के तहत आरोपियों को खुद की मोटरसाइकिल लाकर दी थी. घटना में परिवादी खुद आरोपियों के पीछे-पीछे किसी दूसरे की बाइक लेकर घटनास्थल पर पहुंचा था. फायरिंग होने के बाद मौके पर एकत्रित भीड़ में शामिल हो गया था. घायल युवक के साथ अस्पताल में भर्ती करने तक साथ रहा था.

रात में थाने पर उपस्थित होकर एक रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी कि फायरिंग करने वाले बदमाश उसकी मोटरसाइकिल लूट कर फरार हो गए. परिवादी की ओर से दी गई मोटरसाइकिल छीनने की झूठी कहानी बनाकर रिपोर्ट दी गई थी.

फायरिंग करने वाले आरोपी की तलाश

घटना में जय सिंह के पूर्व केसवार सुरेश फगोडिया को तलब करके अनुसंधान किया गया, तो उसके मोबाइल में कई तरह की वीडियो मिले हैं. वाहनों के द्वारा स्टंट करने, लड़कियों और महिलाओं का पीछा कर उनका वीडियो बनाने और लोगों में दहशत पैदा करने जैसे हिंसक वीडियो मिले हैं.

वीडियो के आधार पर मुकदमा दर्ज करके सुरेश फगोडिया उर्फ चिमनू को गिरफ्तार किया गया है. वही फायरिंग की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों की तलाश की जा रही है.

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