जयपुर: गलत खून चढ़ाने से महिला की मौत पर सरकार गंभीर, लापरवाही पर सख्त एक्शन के निर्देश

जयपुर में स्वास्थ्य भवन में सोमवार को हाई लेवल मीटिंग हुई, जिसमें चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने एसएमएस अस्पताल में गलत खून चढ़ाने से महिला की मौत जैसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए सख्त हिदायत दी.

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गलत खून चढ़ाने से महिला की मौत पर सरकार गंभीर

Rajasthan News: जयपुर के एसएमएस अस्पताल में दूसरे ग्रुप का खून चढ़ाने से महिला की मौत के बाद भजनलाल सरकार एक्शन में है. सोमवार को चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने स्वास्थ्य भवन में हाई लेवल मीटिंग की. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश के सभी अस्पतालों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन सिस्टम को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने वाले हर मरीज का जीवन अमूल्य है. इलाज में किसी भी तरह की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती है.

स्वास्थ्य मंत्री ने दी सख्त हिदायत

स्वास्थ्य मंत्री ने जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में हाल ही में एक प्रेग्नेंट महिला को दूसरे ग्रुप का खून चढ़ने की घटना को गंभीरता से लेते हुए सख्त हिदायत दी कि भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं हो. बता दें कि अस्पताल में गलत खून चढ़ाने से महिला की मौत की घटना शनिवार की है. 

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बिना जांच के दिया था खून

टोंक के निवाई से इलाज के लिए आई गर्भवती महिला 9 मई से एसएमएस अस्पताल में भर्ती थी. हीमोग्लोबिन स्तर कम होने के साथ ही महिला का ऑक्सीजन लेवल भी कम था. गंभीर हालत के चलते महिला का वेंटीलेटर पर प्रसव करवाया गया. जिसके बाद उसे खून चढ़ाने की जरूरती हुई तो ब्लड बैंक ने बिना जांच के ही A+ ब्लड दे दिया.

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जैसे ही महिला को ब्लड चढ़ाया गया, उसका शरीर कांपने लगा और उसकी हालत बिगड़ने लगी और मौत हो गई. बाद में जांच में पता चला कि महिला का ब्लड ग्रुप B+ था, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. 

ब्लड ग्रुप की भी देनी होगी जानकारी

स्वास्थ्य भवन में हुई बैठक में बताया गया कि राजस्थान डिजिटल हैल्थ मिशन के तहत चिकित्सा तंत्र को तकनीकी तौर पर मजबूत किया जा रहा है. इसके तहत अब आभा आईडी के तहत मरीज की डिटेल में ब्लड ग्रुप अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा, ताकि किसी भी इमरजेंसी स्थिति में खून की उपलब्धता के साथ ही ब्लड ट्रांसफ्यूजन में भी सुगमता और सटीकता हो.

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चिकित्सा मंत्री ने दिए ये निर्देश

  • निर्धारित एसओपी की गंभीरता और सख्ती के साथ पालना सुनिश्चित की जाए.
  • आईसीयू और क्रिटिकल केयर वार्डों में वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ ही सीनियर रेजीडेंट हर समय मौजूद रहें.
  • प्रशिक्षित नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ ही इन वार्डों में लगाए जाएं.
  • किसी भी कार्मिक की लापरवाही सामने आए तो सख्त एक्शन लें.
  • चिकित्सा संस्थान प्रभारी समय-समय पर ब्लड बैंक की कार्यशैली की जांच करें

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