Lok Sabha Election 2024: जयपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने सुनील शर्मा (Sunil Sharma Congress) को उम्मीदवार बनाया था. लेकिन उनकी उम्मीदवारी पर विवाद बढ़ने के बाद कांग्रेस ने उनकी जगह पूर्व मंत्री और तीन महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में सिविल लाइन्स विधानसभा सीट से उम्मीदवार रहे प्रतापसिंह खचरियावास को टिकट थमा दिया. खाचरियावास विधानसभा चुनाव करीब 29 हजार वोटों से हार गए थे. उन्हें भाजपा के गोपाल शर्मा ने हराया था. सवाल यह है कि 15 साल से जयपुर लोकसभा सीट हार रही कांग्रेस पार्टी को क्या प्रताप सिंह जीत दिलवा पायेंगे? उनके सामने यह चुनौती भी होगी कि, अचानक से किसी के 'बदले' मिले टिकट को वो कैसे जस्टिफाई करेंगे?
8 में से सिर्फ 2 पर जीती कांग्रेस
जयपुर शहर लोकसभा सीट में 8 विधानसभा सीट आती हैं. जिनमें से कांग्रेस सिर्फ 2 सीटों किशनपोल और आदर्श नगर ही जीत सकी थी. हालांकि हवामहल सीट पर कांग्रेस के आरआर तिवारी महज 900 वोटों के अंतर से हारे थे, लेकिन बाकी 5 सीटों पर कांग्रेस को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में कांग्रेस के सामने महज तीन महीने पहले हुई हार से हुए नुकसान की भरपाई करना चुनौतीपूर्ण होगा.
खाचरियावास की उम्मीदवारी के मायने
प्रताप सिंह खाचरियावास की छवि 'बेबाक' नेता की रही है. वो दो बार वो सिविल लाइन्स से विधायक रहे हैं. लेकिन जब भी कांग्रेस की सरकार प्रदेश की सत्ता से बेदखल हुई प्रताप सिंह चुनाव भी हारे हैं. 2008 में वो पहली बार विधायक चुने गए और 2013 में हार गए. उस समय कांग्रेस सिर्फ़ 21 सीटों पर सिमट गई थी. उसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और खाचरियावास दोनों की सत्ता में वापसी हुई. लेकिन 2023 में वो एक बार फिर हार गये. खाचरियावास को कांग्रेस ने 2004 में भी जयपुर लोकसभा सीट से ही चुनाव लड़वाया था. लेकिन वो हार गए थे. वो भी बिल्कुल ऐसा ही समय था, कांग्रेस ने 2003 का विधानसभा हारा था. इस पैटर्न का जायजा लिया जाये तो खाचरियावास की डगर इतनी आसान नजर नहीं आती.
17 बार हुए चुनाव, 3 बार जीत पाई कांग्रेस
1952 से अब तक जयपुर लोकसभा सीट पर 17 बार चुनाव हुए हैं लेकिन कांग्रेस सिर्फ तीन बार जीत सकी है. कांग्रेस ने पहला चुनाव 1952 में जीता उसके 32 साल बाद 1984 में कांग्रेस के नवल किशोर शर्मा यहां से सांसद बने थे. तीसरा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस को 25 साल लगे, तब 2009 में महेश जोशी यहां से चुनाव जीते थे. इस सीट पर भाजपा का दबदबा रहा है जिसने 17 में से 8 बार यहां जीत का परचम लहराया है. भाजपा के गिरधारी लाल भार्गव यहां से 6 बार सांसद चुने गए थे.
जातिगत समीकरणों का गणित
जयपुर लोकसभा सीट पर दोनों ही पार्टी कांग्रेस और भाजपा ब्राम्हण और वैश्य चेहरों पाए दांव खेलती रही हैं. 17 में से 10 बार यहां से ब्राह्मण और तीन बार वैश्य सांसद बने हैं. राजपूत, वैश्य और ब्राह्मण जातियों की संख्या करीब-करीब बराबर है. वहीं करीब 14 प्रतिशत मुस्लिम वोटर भी हैं. जो काफी अहम किरदार अदा करते हैं.