Rajasthan News: जयपुर आबकारी विभाग की टीम ने बुधवार शाम शहर के पॉश इलाके जवाहर सर्किल स्थित मैरियट होटल के डायनोसिस बार में एक बड़ी कार्रवाई की. टीम ने यहां अवैध तरीके से विदेशी शराब परोसने और बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का एक सुनियोजित 'खेल' उजागर किया. टीम के बार में घुसते ही वहां अफरा-तफरी मच गई. अधिकारियों ने तुरंत शराब की बोतलों के बारकोड और होलोग्राम की बारीकी से जांच शुरू की.
₹10,000 की बोतल पर ₹56 का स्टिकर क्यों?
आबकारी टीम ने जांच में पाया कि विदेशी ब्रांड की लगभग 20 महंगी बोतलें (जैसे ब्लैक लेबल, शिवास) थीं, लेकिन उन पर राजस्थान निर्मित देसी शराब (जैसे ढोला मारू) के सस्ते स्टिकर और होलोग्राम चिपकाए गए थे. इस पूरे 'स्टिकर घोटाले' के पीछे की वजह और फायदा स्पष्ट है:-
- राजस्थान में महंगी विदेशी शराब पर भारी एक्साइज टैक्स लगता है, जिससे एक बोतल की कीमत ₹10,000 तक पहुंच जाती है. होटल संचालक ने इन बोतलों को हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों से कम कीमत पर खरीदा, जहां टैक्स कम है.
- इन अवैध बोतलों पर ₹56 मूल्य वाली देसी शराब का स्टिकर चिपकाकर सरकारी रिकॉर्ड में यह दिखाया गया कि बार में सस्ती शराब है. इस तरह, होटल संचालक ने ₹10,000 की बोतल पर लगने वाले लाखों रुपये के एक्साइज टैक्स की चोरी कर ली. लागत कम होने से उनका मुनाफा कई गुना बढ़ गया.
स्टॉक रजिस्टर गायब, टैक्स चोरी का पुख्ता सबूत
शुक्रवार रात आबकारी अधिकारी महिपाल सिंह ने NDTV राजस्थान से बातचीत में बताया कि कमिश्नर के निर्देश पर विशेष चेकिंग अभियान चल रहा है. फाइव स्टार होटल में निरीक्षण के दौरान टीम को ₹10 हजार रुपये की कीमत वाली विदेशी ब्रांड की बोतलों पर केवल ₹56 मूल्य वाली सस्ती शराब का लेबल लगा मिला. जांच के दौरान, जब टीम ने होटल प्रबंधन से इन बोतलों के बिल और स्टॉक रजिस्टर की जानकारी मांगी, तो वे कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाए. स्टॉक रजिस्टर में इन बोतलों की एंट्री भी नहीं मिली, जो टैक्स चोरी की मंशा को पुष्ट करता है. प्रारंभिक जांच से साफ है कि यह शराब टैक्स चोरी के इरादे से पड़ोसी राज्यों से मंगवाई गई थी.
लाइसेंस रद्द करने की तैयारी, गंभीर अपराध
अधिकारी महिपाल सिंह ने साफ कहा कि फाइव स्टार होटल का नाम इस्तेमाल कर शराब नियमों की इस तरह की अवहेलना गंभीर अपराध है. यह न सिर्फ सरकारी राजस्व का नुकसान है, बल्कि ग्राहकों के साथ धोखा भी है. विभाग ने तुरंत बार का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है. आबकारी विभाग इस कार्रवाई को हाल की सबसे बड़ी और निर्णायक कार्रवाई मान रहा है, जिसने जयपुर के पॉश इलाके में चल रहे अवैध मुनाफे के खेल को उजागर किया है.
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