जयपुर की मोबाइल शॉप से 2.5 करोड़ के iPhone चुराने वाले गैंग का एक सदस्य गिरफ्तार

पुलिस ने बताया कि चोरी का माल खरीदने वाला समीर अहमद शेख लग्जरी फ्लेट में रहने और बेशकीमती गाड़ियां रखने का शौकीन है. माह में आधा समय विदेश में गुजारता है. अपनी पहचान छुपाने के लिये कोई भी सोशल साइट नहीं चलाता है. अपराध करने के लिये वर्चुअल नम्बर प्रयोग में लेता है और इंटरनेट के ज़रिये से ही बात करता है.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

Jaipur News: जयपुर पुलिस ने जवाहर नगर इलाक़े में मोबाइल शोरूम में चोरी की बड़ी वारदात का ख़ुलासा किया है. पुलिस आयुक्त जयपुर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया 6 नवंबर की अलसुबह जवाहर नगर में हॉटस्पॉट मोबाईल की दुकान में नक़बज़नी की वारदात हुई थी. कुछ दिन पहले जयपुर के रमीन्द्र सिंह मखीजा की दुकान में तीन अज्ञात नकाबपोशों चोरों ने नकबजनी की वारदात को अंजाम देते हुए करीब 120 आईफोन व करीब 150 अन्य पुराने फोन, आईपेड, मैकबुक सहित करीब 1 करोड़ 80 लाख रूपये का सामान चोरी किया था.

पुलिस ने इस मामले में 4 चोरों को गिरफ्तार किया है. 

पुलिस जांच में सामने आया आया कि बदमाशों ने घटनास्थल से 50 किलोमीटर दूर मोटरसाइकिल चोरी कर चोरी की मोटरसाइकिल से वारदात को अंजाम दिया. मोटरसाईकिल चोरी के घटनास्थल तक पहुंचने के लिये रेन्टल कार से टाटा नेक्सॉन कार इन्दौर से किराये पर ली. 

मुंबई में चोरी का माल बेचने की थी प्लानिंग 

बदमाशों ने वारदात करते समय घटनास्थल से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर मोबाइल फोन और प्रयोग में ली गई कार को छोड़ दिया. वारदात करने के लिये मास्टरमाइंड रामभरोस पटेल और सफान खान ने शातिर नकबजन राजेश उर्फ खन्ना उर्फ मामा कंजर, जतिन कंजर और अमन को अपनी गैंग में शामिल किया. वारदात से पहले ही योजनाबद्ध तरीके से माल बेचने के लिये मुम्बई में बात कर ली थी. 

चोरी के माल को भारत से बाहर बांग्लोदश बेचा जाता 

खरीददार समीर अहमद शेख लग्जरी फ्लेट में रहने और बेशकीमती गाड़ियां रखने का शौकीन है. माह में आधा समय विदेश में गुजारता है. अपनी पहचान छुपाने के लिये कोई भी सोशल साइट नहीं चलाता है. अपराध करने के लिये वर्चुअल नम्बर प्रयोग में लेता है और इंटरनेट के माध्यम से ही बात करता है. 2021 में चोरी के मोबाईल खरीदने के जुर्म में पाँच मामलो में जेल जा चुका है. चोरी के माल को भारत से बाहर बांग्लोदश में बेच देता है.

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कई राज्यों में पुलिस ने मारे छापे 

पुलिस टीम ने करीब दस हजार किलोमीटर की दूरी तय करते हुये 300 के करीब सीसीटीवी फुटेज चेक किये. देवास, इन्दौर, उज्जैन, मुम्बई में करीब 30 मुखबिर तैयार किये. एक हजार से अधिक कॉल डिटेल्स का गहन विश्लेषण किया. विभिन्न साईबर टूल्स एवं ऐपस् का असाधारण उपयोग कर मुल्जिमानों के बारे में जानकारी कर बदमाशों को गिरफ़्तार करने में कामयाबी हासिल की है.

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