साइबर फ्रॉड पर जयपुर पुलिस का बड़ा एक्शन, 26 मोबाइल फोन जब्त कर रोकी 1.49 करोड़ की ठगी 

राजस्थान के जयपुर में पुलिस ने नवंबर में साइबर अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई की है. जिसमें 26 मोबाइल बरामद किए, 1.49 करोड़ रुपये की ठगी रोककर 27 लाख रिफंड करवाए. 

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जयपुर में साइबर फ्रॉड पर बड़ी कार्रवाई.

Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में पश्चिम पुलिस ने साइबर ठगों के खिलाफ कड़ी मुहिम छेड़ रखी है. नवंबर महीने में पुलिस ने कई स्तरों पर कार्रवाई कर पीड़ितों को राहत पहुंचाई. मोबाइल फोन चोरी से लेकर ठगी की रकम वापस दिलाने तक पुलिस ने शानदार काम किया. इससे साफ है कि साइबर अपराधी अब आसानी से नहीं बच पाएंगे.

मोबाइल रिकवरी में सफलता

पुलिस ने नवंबर में 26 मोबाइल फोन बरामद किए. इनकी कुल कीमत करीब 26 लाख 50 हजार रुपये है. सभी फोन जांच के बाद उनके असली मालिकों को लौटा दिए गए. यह कार्रवाई साइबर अपराधों से जुड़ी शिकायतों पर आधारित थी. पुलिस का कहना है कि ऐसे प्रयासों से लोग अपनी चोरी हुई चीजें आसानी से वापस पा रहे हैं.

ठगी की रकम पर लगाम

साइबर फ्रॉड के मामलों में पुलिस ने बड़ी रकम रोकी. कुल 1 करोड़ 49 लाख 2 हजार 585 रुपये की धनराशि पीड़ितों के खातों में जाने से पहले होल्ड करवा ली गई. इसके अलावा दर्ज शिकायतों पर काम करते हुए 27 लाख 15 हजार 330 रुपये पीड़ितों को रिफंड करवाए गए. यह काम बैंक और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर किया गया. इससे ठगों की कमर टूट रही है.

विश्वकर्मा थाने की गिरफ्तारियां

विश्वकर्मा पुलिस थाने की टीम ने दो साइबर अपराधियों को पकड़ा. रवि शंकर और विनोद मीणा नाम के आरोपी ठगी की रकम रखने के लिए बैंक खाते ढूंढते थे. रवि लोगों को पैसों का लालच देकर फंसाता था. दोनों ने किराए की दुकान से यह गैरकानूनी काम चलाया. पूछताछ में कई राज खुले जिससे आगे की जांच आसान हो गई.

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बनीपार्क थाने का ऑपरेशन

बनीपार्क पुलिस ने अरुण पंवार नाम के ठग को गिरफ्तार किया. वह इंस्टाग्राम पर खुद को साइबर सेल का अधिकारी बताता था. पीड़ितों को फर्जी एनएसओ पोर्टल के स्क्रीनशॉट भेजकर भरोसा जीतता और फिर ठगी करता. पुलिस ने सबूत जुटाकर उसे दबोचा. इससे पता चलता है कि ठग कितने चालाक तरीके अपनाते हैं.

टीम की मेहनत और आगे की योजना

इस पूरी मुहिम में जयपुर पश्चिम साइबर सेल की टीम ने अहम भूमिका निभाई. तकनीकी शाखा के साथ कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल ने जांच और रिकवरी का काम संभाला. पुलिस का कहना है कि साइबर शिकायतों पर फटाफट कार्रवाई हो रही है. पुराने मामलों की भी जांच जारी है.

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