Rajasthan News: राजतशन की राजधानी जयपुर शहर की सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. बगराना डिपो के चालक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं और कल भी वे काम पर नहीं लौटेंगे. इससे 15 रूटों पर लो-फ्लोर बसों का संचालन पूरी तरह ठप रह सकता है. शहरवासियों को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
महज 200 बसों पर टिका शहर का परिवहन
जयपुर में कुल 200 लो-फ्लोर बसें ही चल रही हैं. इनमें से बगराना डिपो की 100 बसें हड़ताल की वजह से पहले ही बंद हैं. अब कल भी यही स्थिति बनी रहेगी. चालकों ने पारस कंपनी के साथ हुई बातचीत में कोई समाधान न निकलने पर हड़ताल बढ़ाने का फैसला लिया है. इससे यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. रोजाना काम पर जाने वाले लोग अब ऑटो या कैब का सहारा लेने को मजबूर हैं जो महंगा पड़ता है.
टोडी डिपो की कंडम बसें बचाएंगी नाम
शहर के बाकी 15 रूटों पर टोडी डिपो की बसें चलेंगी लेकिन ये भी पुरानी और कंडम हो चुकी हैं. अक्टूबर महीने में ही इन 70 बसों को कंडम घोषित किया गया था लेकिन बसों की कमी की वजह से इन्हें 6 महीने और चलाने की इजाजत दी गई. ऐसी बसों में ब्रेकडाउन या हादसे का खतरा हमेशा बना रहता है. शहर प्रशासन को इस समस्या का जल्द हल निकालना चाहिए वरना जयपुर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाएगी.
शहर में लोग हो रहे परेशान
यह घटना सवाल खड़े करती है कि जयपुर का सार्वजनिक परिवहन आखिर किसके भरोसे है. वहीं चालकों की मांगें जायज हैं लेकिन यात्रियों को इसका खामियाजा क्यों भुगतना पड़ रहा है . अगर जल्द कोई समझौता नहीं हुआ तो हड़ताल लंबी खिंच सकती है. शहरवासियों को वैकल्पिक व्यवस्था की जरूरत है. जयपुर के लोग अब उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द बसें सड़कों पर दौड़ेंगी और उनका सफर आसान होगा.
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