प्रशासन के आश्वासन के बाद किसानों ने दी चेतावनी, 5 मांगे पूरी नहीं हुई तो अनिश्चित कालीन देंगे धरना

किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वे कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना देंगे.  

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Rajasthan news: रबी की फसल की बुवाई का समय आ चुका है, और नहरी विभाग ने पानी के वितरण के लिए रेगुलेशन की बैठक आयोजित की है. हालांकि, सवाल यह उठता है कि क्या इंदिरा गांधी नहर परियोजना के अंतिम छोर जैसलमेर में बैठे किसानों तक समय पर पानी पहुंच पाएगा? हाल ही में अतिवृष्टि के कारण कई नहरें और उनकी माइनरें क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे पश्चिमी राजस्थान के किसानों के लिए समस्याएं बढ़ गई हैं. इंदिरा गांधी नहर परियोजना, जिसे इस क्षेत्र के लिए वरदान माना जाता है, जैसलमेर के किसानों के लिए वर्तमान में मुसीबत का सबब बन गई है. किसानों ने विभाग से तीन सप्ताह का समय मिलने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है.  

किसानों ने दी चेतावनी

सोमवार को जैसलमेर स्थित इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) के मुख्यालय पर नहरी किसानों ने अपने हक के पानी की मांग करते हुए धरना दिया और जमकर नारेबाजी की. इस दौरान किसानों ने एक मांग पत्र भी सौंपा और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं होती हैं, तो वे कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना देंगे. 

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किसानों ने NDTV से बातचीत में बताया कि पिछले दो महीने से 70% नहरें क्षतिग्रस्त हैं और अब तक उनकी मरम्मत का काम शुरू नहीं हुआ है. जहां हर साल 5-10 सितंबर तक मरम्मत का काम पूरा हो जाता था, इस बार सितंबर खत्म होने के बावजूद मरम्मत कार्य की शुरुआत भी नहीं हुई.  

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क्या है किसानों की प्रमुख मांग

नहरी किसान मोटन खान ने बताया कि जैसलमेर के किसानों के साथ-साथ अन्य जिलों के हजारों किसान भी यहां आकर खेती करते हैं, और उनकी सिंचाई की एकमात्र उम्मीद इंदिरा गांधी नहर परियोजना है. उन्होंने कहा कि नहरों की मरम्मत न होने के कारण बुवाई करना मुश्किल हो गया है, जिससे किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ेगा.  
  
1. पोंग डैम में पानी की कमी को देखते हुए, जॉन की नहरों को मार्च तक कम से कम पांच बार पानी दिया जाए.  
2. पिछले दो वर्षों से रिक्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता और वृत मोहनगढ़ के अधिक्षण अभियंता पदों पर जल्द से जल्द अधिकारियों की नियुक्ति की जाए.  
3. नहरों की शील्ड सफाई और मिट्टी निकालने के कार्य को प्राथमिकता दी जाए. कई नहरों में अब तक वर्क ऑर्डर जारी नहीं हुए हैं.  
4. बजट घोषणा के तहत बन रही सामूहिक डिग्गियों और नहरों के पुनर्निर्माण में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए.
5. पोंग डैम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभागीय अधिकारियों को पानी के सही वितरण की जिम्मेदारी दी जाए, ताकि सभी वितरिकाओं और माइनरों के अंतिम छोर तक पानी पहुंच सके. 

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