"हादसे गवाह है...​जिंदगी का कोई भरोसा नहीं" जैसलमेर हादसे पर लगाया स्टेटस, 6 घंटे बाद 3 दोस्तों के साथ जिंदा जला युवक

राजस्थान के बालोतरा जिले के सिणधरी में स्कॉर्पियो और ट्रेलर की टक्कर में चार दोस्त जिंदा जल गए. इस घटना से 6 घंटे पहले दिलीप ने जैसलमेर हादसे का स्टेटस डाला था.

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बालोतरा जिले के सिणधरी में स्कॉर्पियो और ट्रेलर की टक्कर में चार दोस्त जिंदा जल गए.

Rajasthan News: राजस्थान के बालोतरा जिले के सिणधरी में देर रात एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ. स्कॉर्पियो और ट्रेलर की टक्कर में चार दोस्त जिंदा जल गए. गाड़ी चला रहे दिलीप सिंह गंभीर रूप से घायल हैं. यह हादसा रात 1:45 बजे हुआ. हैरानी की बात यह है कि हादसे से 6 घंटे पहले दिलीप सिंह ने जैसलमेर बस अग्निकांड की तस्वीर के साथ स्टेटस लगाया था, "हादसे गवाह हैं... जिंदगी का कोई भरोसा नहीं."

चार दोस्तों की दर्दनाक मौत

हादसे का शिकार हुए चारों युवक और दिलीप सिंह बालोतरा के डाबड़ गांव के रहने वाले थे. मृतकों में मोहन सिंह, प्रकाश, पांचाराम और शंभू सिंह शामिल हैं. ये पांचों गहरे दोस्त थे. पांचाराम कुछ दिन पहले दिल्ली से गांव आया था और सिणधरी में काम के लिए निकला था. रात 8 बजे पांचों स्कॉर्पियो से निकले थे.

इसके बाद रास्ते में सड़क पर गड्ढों से बचने के लिए दिलीप ने गाड़ी मोड़ी, लेकिन सामने से आ रहे ट्रेलर से टकरा गए. टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रेलर स्कॉर्पियो को 100 मीटर तक घसीटता ले गया. इस दौरान दोनों वाहनों में आग लग गई. स्कॉर्पियो के गेट लॉक होने से चारों दोस्त बाहर नहीं निकल पाए और जिंदा जल गए.

ट्रक ड्राइवर ने बचाई दिलीप की जान

हादसे के दौरान एक ट्रक ड्राइवर ने स्कॉर्पियो का शीशा और गेट तोड़कर दिलीप सिंह को बाहर निकाला, लेकिन आग की तेज लपटों और गेट लॉक होने के कारण बाकी चारों को नहीं बचा सका. ग्रामीणों का कहना है कि हादसे की सूचना तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी गई, लेकिन फायर ब्रिगेड दो घंटे बाद पहुंची. तब तक गाड़ी जलकर राख हो चुकी थी.

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मृतकों की जिंदगी और सपने अधूरे रह गए

मोहन सिंह ड्राइविंग स्कूल में काम करता था. उसके दो बेटे हैं और वह परिवार का इकलौता कमाने वाला था. प्रकाश ई-मित्र और डाक पार्सल का काम करता था. पांचाराम दिल्ली में ऑटो पार्ट्स की दुकान चलाता था और दीपावली के लिए गांव आया था. शंभू सिंह बीए फाइनल ईयर का छात्र था. दिलीप सिंह, जो लव-कुश कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं, जोधपुर अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं.

शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट

हादसे में चारों युवकों के शव इतनी बुरी तरह जल गए कि उनकी पहचान मुश्किल हो गई. मेडिकल टीम ने शवों के अवशेष और परिजनों के डीएनए सैंपल लिए हैं. डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट के बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे.

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