Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर जिले के चांधन गांव में एक सिपाही ने अपनी बहादुरी से न केवल एक व्यक्ति की जान बचाई, बल्कि मानवता की मिसाल भी कायम की. चांधन पुलिस चौकी के कांस्टेबल खीमसिंह भाटी ने अपने अदम्य साहस से एक परिवार को टूटने से बचा लिया. उनकी इस वीरता की हर तरफ प्रशंसा हो रही है.
पति-पत्नी के झगड़े में आई आत्महत्या की खबर
बुधवार सुबह अभय कमांड केंद्र, जैसलमेर को सूचना मिली कि चांधन गांव में एक व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ मारपीट कर रहा है. सूचना मिलते ही कांस्टेबल खीमसिंह तुरंत मौके पर पहुंचे. वहां राधेश्याम सोनी और उनकी पत्नी के बीच तीखी नोकझोंक हो रही थी. खीमसिंह ने दोनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन तभी राधेश्याम ने पास पड़ी तेजाब की बोतल उठाकर आत्महत्या करने की कोशिश की.
खीमसिंह ने खुद को खतरे में डाला
खीमसिंह ने बिना देर किए राधेश्याम से तेजाब की बोतल छीनने की कोशिश की. इस दौरान छीना-छपटी में तेजाब उनके हाथों और वर्दी पर गिर गया, जिससे उनके दोनों हाथ बुरी तरह झुलस गए. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. अपनी चोट की परवाह किए बिना उन्होंने बोतल छीन ली और राधेश्याम को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया. वहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जैसलमेर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद खीमसिंह ने खुद का इलाज करवाया.
नेताओं ने की साहस की तारीफ
इस घटना ने राजस्थान पुलिस के ध्येय वाक्य को साकार कर दिखाया. जैसलमेर के पूर्व महारावल चैतन्यराज सिंह, पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी और जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी ने खीमसिंह की बहादुरी को सलाम किया. छोटूसिंह ने इसे मानवीय और साहसिक कार्य बताया, जबकि चैतन्यराज ने इसे कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल कहा. प्रतापपुरी ने तो सरकार से खीमसिंह को गैलेंट्री अवार्ड देने की मांग भी की. सभी ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
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