जैसलमेर: जमीन से गैस रिसाव, पानी की तेज धारा... रेगिस्तान में कैसे फूटा पानी का 'फव्वारा'; खतरे की बढ़ी आशंका

खेत के मालिक ने बताया कि ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान अचानक जमीन से पानी की तेज धारा निकलने लगी और देखते ही देखते चारों तरफ पानी ही पानी नजर आने लगा.

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दूसरे दिन भी जमीन से निकल रही पानी की तेज धारा

Rajasthan News: जैसलमेर के मोहनगढ़ में ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान अचानक जमीन से पानी की तेज धारा निकलने की घटना चर्चा का विषय है. यह घटना उस इलाके में हुई है, जो विलुप्त हो चुकी सरस्वती नदी का क्षेत्र माना जाता है. गड्ढे से लगातार निकल रही पानी की तेज धारा और गैस रिसाव की वजह से प्रशासन ने उसके आसपास लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी है. घटना के दूसरे दिन यानी रविवार को ओएनजीसी के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और पानी के सैंपल लिए. बड़ी बात है कि ट्यूबवेल की खुदाई में लगा ट्रक और मशीन भी उसी में समा गया. इस घटना को देखकर आसपास के ग्रामीण दहशत में आ गए हैं. फिलहाल आसपास के घरों को खाली करने को कहा गया और लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के निर्देश दिए गए हैं. 

मकान में भर गया पानी

खेत के मालिक विक्रम सिंह भाटी ने बताया कि ट्यूबवेल की करीब 700 फीट से ज्यादा खुदाई करने पर अचानक से नीचे से पानी और कुछ सेकेंड के अंदर चारों तरफ पानी ही पानी दिखने लगा. जिस मशीन से ट्यूबवेल की खुदाई की जा रही थी. वह ट्रक भी पूरी तरह समा गया. पानी की लगातार तेज धारा निकलने से दो कच्चे मकान में भी पानी भर गया. पड़ोसियों को फोन करके सामान बाहर निकलवाया है.

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8-10 फीट ऊपर उठ रहा पानी

भूजल वैज्ञानिक नारायण दास का कहना है कि यह अपारगम्य चट्टानें धरती के पानी को दबा कर बैठी हैं. इसे तोड़ने के कारण जमीन में दबा हुआ पानी अब प्रेशर के साथ बाहर आ रहा है. यहां निकले जल का इतना दबाव है कि आठ से दस फीट ऊंचाई तक पानी ऊपर उठ रहा है. 

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भूविज्ञान के अंदर इसे ऑर्टिजन कंडीशन कहते हैं. यह कोई सामान्य घटना नहीं है. यह स्थिति कई दिनों तक रह सकती है. जिस क्षेत्र में यह घटना घटी है, वह विलुप्त हो चुकी सरस्वती नदी का क्षेत्र बताया जा रहा है.

आसपास आने-जाने पर प्रतिबंध

उधर जमीन से निकल रही पानी की तेज धारा और गैस रिसाव के बाद जिला प्रशासन भी एक्शन में आ गया है. जिला मजिस्ट्रेट प्रतापसिंह नाथावत ने आदेश जारी करके खतरे की आशंका को देखते हुए 27 बीडी के आस-पास के क्षेत्र में आमजन के आवागमन पर प्रतिबंध लगाया है. ऐसे में घटनास्थल के करीब 500 मीटर की एरिया में अगले आदेश तक लोगों के आने-जाने पर रोक रहेगी. 

ONGC की टीम ने लिए सैंपल

वहीं, ONGC और केयर्न एनर्जी की टीम ने जमीन से निकल रहे पानी और गैस के सैंपल लिए हैं. ONGC के एक अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल पर नेचुरल गैस निकल रही है, जिसमें सम्भवत: हाईड्रोकार्बन का मिक्सचर है. हम लगातार वायु में गैस की लिमिट की जांच कर रहे हैं, क्योकि LEL व HEL के बीच अगर वायु में गैस की लिमिट होती है तो आग लगने की संभावना बन सकती है. वहीं LEL से नीचे या HEL  से ज्यादा है तो आग लगने की संभावना न के बराबर रहती है. इसे बंद करने के लिए ऑयल इंडिया की टीम मशीनरी लेकर आएगी. 

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