Pahalgam Terrorist Attack: 'मोदी और शाह का भारत है, मुंहतोड़ जवाब देंगे' पहलगाम आतंकी हमले पर बोले बालमुकुंद आचार्य

Pahalgam Terror Attack: जहां पर आतंकी हमला हुआ है, वह पहलगाम शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर बैसरन चीड़ के पेड़ों के घने जंगलों और पर्वतों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है. यह पर्यटकों की पसंदीदा जगह है.

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पहलगाम आतंकी हमले पर बालमुकुंद आचार्य की प्रतिक्रिया

Pahalgam Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने प्रतिक्रिया दी है. भाजपा विधायक ने इस आतंकी हमले पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो कुछ हुआ, वह इस्लामिक जिहाद का हिस्सा है. इसका मकसद देश को बांटना और कश्मीर की शांति भंग करना है. हम यह साजिश पहले पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में देख चुके हैं, लेकिन ये मोदी और अमित शाह का भारत है, मुंहतोड़ जवाब देंगे. पूरा देश एकजुट होकर इस आतंकी घटना के खिलाफ खड़ा है.

आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत

बता दें कि मंगलवार (22 अप्रैल) को मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले बैसरन घाटी में मौजूद पर्यटकों को आतंकियों ने निशाना बनाया था. इस बड़े आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई है, जबकि कई लोग घायल भी हुई हैं. मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं. मृतकों में हरियाणा का रहने वाला एक नेवी ऑफिसर भी है, जिसकी कुछ दिन पहले ही शादी हुई थी.

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2019 पुलवामा के बाद सबसे बड़ा हमला

एक वरिष्ठ के अनुसार, 26 मृतकों में दो विदेशी (यूएई और नेपाल से) और दो स्थानीय निवासी भी शामिल हैं. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को हाल के वर्षों में आम लोगों पर सबसे बड़ा हमला बताया है. यह 2019 में पुलवामा में हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे बड़ा हमला है. 

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आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी सऊदी अरब की यात्रा को बीच में ही छोड़कर स्वदेश लौट आए हैं. यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस 4 दिवसीय भारत की यात्रा पर हैं. 

पर्यटकों की पसंदीदा जगह है बैसरन

ध्यान देने वाली बात है कि जहां पर आतंकी हमला हुआ है, वह पहलगाम शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर बैसरन चीड़ के पेड़ों के घने जंगलों और पर्वतों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है. यह जगह देश व दुनिया के पर्यटकों के बीच पसंदीदा स्थान है, इसे मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है. 

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पीटीआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक, आतंकवादियों ने 54 वर्षीय संतोष जगदाले को तंबू से बाहर आने और इस्लाम की एक आयत पढ़ने के लिए कहा. जब वह आयत नहीं पढ़ पाए तो आतंकवादियो ने जगदाले को गोलियों से छलनी कर दिया. उन्होंने जगदाले को तीन गोली मारी, एक बार उनके सिर में, फिर कान के पीछे और फिर पीठ में.

संतोष जगदाले पुणे के एक व्यवसायी थे. उनकी 26 वर्षीय बेटी असावरी जगदाले ने आपबीती सुनाई. जगदाले की बेटी ने कहा, "पिता के जमीन पर गिर जाने के बाद, बंदूकधारियों ने मेरे बगल में चाचा पर हमला किया और उनकी पीठ में कई गोलियां बरसाईं." असावरी को नहीं पता कि उनके पिता और चाचा जिंदा हैं भी या उनकी मौत हो चुकी है. असावरी, उनकी मां और एक अन्य महिला रिश्तेदार किसी तरह बच गईं. स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों ने उन्हें पहलगाम क्लब पहुंचाया.

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