Rajasthan Politics: मंत्री जवाहर बेढम का कांग्रेस से सवाल- क्या नेहरू को 'चाचा' नहीं कहते, इंदिरा गांधी 'दादी' नहीं थी?

Jawaharsingh Bedham: गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कांग्रेस के नेता मीडिया के सामने आकर कहें कि इंदिरा गांधी दादी नहीं थीं. अगर वे ऐसा नहीं कहते, तो हमें भी सोचना पड़ेगा कि वे खुद अपने परिवार की विरासत को कैसे देखते हैं."

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Rajasthan: राजस्थान विधानसभा में जारी गतिरोध के बीच गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने विपक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने आसन की मर्यादा तोड़ी है इसलिए उन्हें खेद व्यक्त करना चाहिए. विपक्ष ने सदन की वेल में आकर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, जो मर्यादा के खिलाफ है. संसदीय कार्य मंत्री, मुख्य सचेतक और वरिष्ठ विधायक लगातार विपक्ष से संपर्क में हैं और उनसे बातचीत भी की. इस दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर भी निशाना साधा और कहा कि आप 3 बार मुख्यमंत्री रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे, लेकिन अब ट्वीटर गेम खेल रहे हैं. आपको सदन में आकर अपनी बात रखनी चाहिए. कांग्रेस (Congress) के लोग आपकी सलाह नहीं मान रहे, इसलिए सदन की मर्यादा तार-तार हो रही है.

ऐसा पहले कभी नहीं हुआ- गृह राज्यमंत्री

उन्होंने कहा कि विधानसभा के इतिहास में भैरों सिंह शेखावत, मोहनलाल सुखाड़िया, हरिदेव जोशी, वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत जैसे बड़े नेता रहे हैं. लेकिन इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई. मंत्री ने इंदिरा गांधी पर बयान को लेकर चल रहे विवाद पर भी राय रखी और कहा कि क्या पूरा देश पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को चाचा नेहरू नहीं कहता? 

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"कांग्रेस मीडिया में आकर कहे कि इंदिरा गांधी दादी नहीं थीं"

कांग्रेस से सवाल पूछते हुए बेढम ने कहा, "क्या विभिन्न प्रदेशों में दादा-नाना जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं होता? अगर ‘दादी' शब्द असंसदीय है, तो कांग्रेस के नेता मीडिया के सामने आकर कहें कि इंदिरा गांधी दादी नहीं थीं. अगर वे ऐसा नहीं कहते, तो हमें भी सोचना पड़ेगा कि वे खुद अपने परिवार की विरासत को कैसे देखते हैं."

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हम गतिरोध खत्म करना चाहते हैं- बैरवा

वहीं, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने भी विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि हम गतिरोध खत्म करना चाहते हैं, लेकिन विपक्ष को आगे आना चाहिए. उन्हें खेद व्यक्त कर सदन चलने देना चाहिए. लेकिन वे जनता के मुद्दे उठाने के बजाय सदन से भाग रहे हैं. प्रदेश की 8 करोड़ जनता विधानसभा की ओर देख रही है, लेकिन विपक्ष अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा.

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