ज्‍वैलर्स ने सोना न‍िकालने के ल‍िए 8 लोगों को सेप्‍ट‍िक टैंक में उतारा, 4 मजदूरों की मौत; 2 का इलाज जारी

फैक्‍ट्री में सोने-चांदी के जेवरों को बनाते समय केम‍िकल के साथ सोने-चांदी के टुकड़े जाते हैं. इन्हें छानने के ल‍िए कुछ समय के अंतराल पर टैंक से कचरा न‍िकाला जाता है. 

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जयपुर में सेप्‍टि‍क टैंक में उतरने से चार मजदूरों की मौत हो गई.

Rajasthan News: जयपुर के सीतापुरा इंडस्‍ट्रियल एर‍िया के ज्‍वैलरी जोन में सोमवार रात सेप्‍टिक टैंक में उतरे 4 लोगों को जहरीली गैस से मौत हो गई. सोमवार रात करीब 8.30 बजे सेप्‍टिक टैंक में 8 लोगों को उतार द‍िया था. 4 लोगों का दम घुट गया और दो लोग बेहोश हो गए. ज‍िन्हें अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है. अचल ज्‍वैलर्स प्राइवेट ल‍िम‍िटेड के 10 फीट गहरे सेप्‍टिक टैंक की सफाई के दौरान हादसा हुआ.

मरने वाले यूपी के रहने वाले 

चारों मरने वाले उत्‍तर प्रदेश के रहने वाले थे. मरने वालों में संजीव पाल, ह‍िमांशु स‍िंह, रोह‍ित पाल और अर्प‍ित यादव शाम‍िल हैं. सूचना पर सांगानेर सदर थाना पुल‍िस मौके पर पहुंची. चारों शवों को महात्‍मा गांधी अस्‍पताल में रखवाया गया है. दो लोगों अजय चौहान और राजपाल को आरयूएचएस में भर्ती करवाया गया है. टैंक में फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल भी जाते हैं. घटना की जांच के लिए एफएसएल की टीम को मौके पर बुलाया गया है. देर रात तक पता नहीं लग पाया था कि आखिर किस गैस के कारण यह हादसा हुआ है. हादसे की सूचना पर एडीएम साउथ, एसडीएम सांगानेर और तहसीलदार मौके पर पहुंचे.

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सेप्‍ट‍िक टैंक में उतरे चार मजदूरों की मौत हो गई.

सोने-चांदी के टुकड़े छानने थे

फैक्‍ट्री में सोने-चांदी के जेवरों को बनाते समय केम‍िकल के साथ सोने-चांदी के टुकडे़ जाते हैं. इन्हें छानने के ल‍िए कुछ समय के अंतराल पर टैंक से कचरा न‍िकाला जाता है, ज‍िससे उसमें सोने-चांदी के कणों को छाना जा सके. इस बार भी फैक्ट्री में दोपहर से ही सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए 8 मजदूर उतारे गए थे. मशीनों का काम आदमियों से लिया.अन्य ज्वैलरी कंपनियों में भी यह प्रोसेस होता है, लेकिन इसके लिए विशेष मशीनें होती हैं. 

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मजदूरों ने टैंक में उतरने से कर द‍िया था मना 

मीड‍िया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार दोपहर मजदूरों ने तेज गर्मी की वजह से टैंक में उतरने से मना कर द‍िया था. उनका कहना था क‍ि केम‍िकल युक्‍त पानी के कारण टैंक में जहरीली गैस होगी, लेक‍िन उन पर दबाव बनया गया तो कुछ लोग मान गए और सफाई का काम शुरू कर द‍िया. 

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रात 8 बजे दो लोग टैंक में उतरे 

रात करीब 8 बजे अमित और रोह‍ित सबसे पहले टैंक में उतरे. दोनों बेहोश होने लगे तो च‍िल्‍लाए. उन्हें बचाने के ल‍िए संजीव और मुकेश सह‍ित 8 मजदूर उतरे. सभी बेहोश हो गए. आनन-फानन में बाहर न‍िकालकर महात्‍मा गांधी अस्‍पताल ले जाया गया.  वहां चिकित्सकों ने यूपी के अंबेडकर नगर निवासी संजीव पाल, हिमांशु सिंह, रोहित पाल व सुल्तानपुर निवासी अर्पित यादव को मृत घोषित कर दिया.  

दो लोग अस्‍पताल में भर्ती 

अजय चौहान और राजपाल को इलाज के लिए भर्ती कर लिया. अमित पाल और सूरजपाल को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई.  सभी मजदूर सीतापुरा स्थित गोवर्धन नगर में रहते हैं और मजदूर ठेकेदार मुकेशपाल के मार्फत 2023 से अचल ज्वैलर्स में काम करते थे. मृतकों में मुकेश का भाई भी शामिल है.  पुलिस को हादसे के एक घंटे बाद दी सूचना.   

कचरे से न‍िकालते हैं सोने के कण 

कारीगर गहने बनाते हैं तो कट‍िंग, स्टोन सेट‍िंग और न‍िर्माण प्रक्रिया के दौरान सोने-चांदी के कण न‍िकलकर ग‍िरते हैं. छोटे कारीगर कार्यस्‍थल के कचरे को बाहर नहीं फेंकते, यहां तक कि कार्यस्थल के निकले पानी को भी एक जगह जमा कर उससे भी सोने-चांदी के वेस्टेज को रिकवर करते हैं. बड़ी फैक्ट्रियों में आभूषण बनाने के दौरान निकले रसायन युक्त पानी जो सेप्टिक टैंक में जाता है. उसमें ठोस कचरे के साथ सोने-चांदी के कण मिले होते हैं, जो गाद के रूप में टैंक में जमा होता है.  इसे समय-समय पर निकाल कर सोना-चांदी रिकवर किया जाता है. सोमवार को भी इसी के लिए मजदूरों को उतारा गया था. 

दो साल से रिफाइन का काम कर रहे थे

सीतापुरा के जी-ब्लॉक स्थित अचल ज्वैल्स में रिफाइन का काम करने वाले मजदूर वर्ष 2023 से ठेकेदार के जरिए लगे हुए थे.  फैक्ट्री पहले छोटी थी तब सेप्टिक टैंक ऊपर बना रखा था, जिससे गाद निकालने में परेशानी नहीं होती थी.  गत वर्ष नई और बड़ी फैक्ट्री बनी तो अंडरग्राउंड सेप्टिक टैंक बना दिया.  गेट भी छोटे रखे.  फैक्ट्री में बनने वाली ज्वैलरी की सफाई का केमिकल युक्त पानी इस टैंक में जमा होता है. 

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