Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ (Jhalawar) जिले में मंगलवार सुबह प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर (Bulldozer Action) श्रीनाथ जी मंदिर (Shrinathji Temple Nathdwara) की करीब 28 बीघा जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करा लिया. इस जमीन का नाम 'श्रीकृष्ण वाटिका' है, जिस पर सालों से कुछ दबंग और आपराधिक लोगों ने कब्जा कर रखा था. वे इस करोड़ों की जमीन पर इमारत बनाकर आराम से रह रहे थे. लेकिन भारी पुलिसबल की मौजूदगी में आज उस इमारत को ध्वस्त कर दिया गया.
मंदिर कमेटी ने DM से की थी शिकायत
इस पूरे ऑपरेशन को जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ के कहने पर शुरू किया गया. श्रीनाथ जी मंदिर मंडल के बड़े अधिकारी ने कलेक्टर को एक चिट्ठी लिखी थी और उनसे मदद मांगी थी कि उनकी जमीन को खाली कराया जाए. चिट्ठी मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया. एसडीएम अभिषेक चारण ने इस टीम की कमान संभाली. उनके साथ राजस्व विभाग के कई अफसर, तहसीलदार और मंदिर मंडल के लोग भी शामिल थे.
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100 से ज्यादा जवान मौके पर मौजूद
प्रशासन जानता था कि कब्जा करने वाले लोग सीधे-सादे नहीं हैं, बल्कि आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोग हैं. इसलिए, वहां किसी भी तरह की गड़बड़ी या लड़ाई-झगड़े को रोकने के लिए भारी पुलिस बल बुलाया गया. मौके पर एडिशनल एसपी चिरंजी लाल मीणा, सीओ (सर्किल ऑफिसर) हर्षराज खरेड़ा, सीओ साइबर और ट्रैफिक समेत कई थानों के थानाधिकारी और 100 से ज्यादा पुलिस जवान मौजूद थे. पुलिस ने चारों तरफ घेरा बना लिया, ताकि कब्जा हटाने का काम शांति से और बिना किसी रुकावट के पूरा किया जा सके. पुलिस की इतनी बड़ी तैयारी देखकर, कब्जा करने वालों को ज्यादा विरोध करने की हिम्मत नहीं हुई.
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ये जमीन 'क्राइम स्पॉट' क्यों बनी थी?
प्रशासन के मुताबिक, यह जमीन सिर्फ कब्जे में नहीं थी, बल्कि यह जगह बड़े-बड़े अपराधों को अंजाम देने का अड्डा बन चुकी थी. कब्जा करने वाले लोगों का रिकॉर्ड बहुत खराब है. इनमें अब्दुल हफीज मेन आदमी था, जो अब मर चुका है. लेकिन, उस पर 12 मुकदमे दर्ज थे. इन मुकदमों में चोरी, डकैती, आर्म्स एक्ट और NDPS एक्ट जैसे बेहद संगीन आरोप शामिल थे. दूसरा आरोपी अरबाज उर्फ शब्बीर है. इस पर भी 10 मुकदमे हैं, जिनमें मारपीट, जान से मारने की कोशिश, आर्म्स एक्ट और NDPS एक्ट के केस शामिल हैं. बाकी लोगों, जैसे सलमान और अब्दुल रशीद, पर भी NDPS और आर्म्स एक्ट के कई मुकदमे दर्ज हैं.
पुलिस का कहना है कि इन लोगों की वजह से यह पूरा इलाका असुरक्षित हो गया था. यह कार्रवाई करने से न केवल मंदिर की जमीन वापस मिली है, बल्कि इलाके में सुरक्षा और शांति भी वापस आई है.
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