झालावाड़ ऑनर किलिंग केस में सामने आई पुलिस की बड़ी लापरवाही, पति ने कहा- ... तो बच सकती थी जान

राजस्थान में विवाहिता के घर वालों ने उसकी हत्या कर दी थी, अब इस मामले में कई अहम खुलासे सामने आ रहे हैं. साथ ही इस मामले में पुलिस पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं.

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फाइल फोटो

Jhalawar Honor Killing Case: झालावाड़ ऑनर किलिंग केस में मृतक महिला के पति ने पुलिस पर आरोप लगाया है. बीते दिनों झालावाड़ जिले के जावर थाना क्षेत्र के शौरती गांव में विवाहित युवती शिमला कुशवाहा को उसके परिजनों द्वारा अपहरण कर जान से मार दिया गया. इसके बाद परिजनों ने शव का गुपचुप तरीके से अंतिम संस्कार कर दिया. अब इस मामले में और भी कई खुलासे हो रहे हैं. इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आ रही है.

युवती के पति का कहना है कि उसने शिमला का अपहरण होते ही बारां जिले के हरनावदा थाने पहुंचकर अपहरण की सूचना दे दी थी. लेकिन पुलिस 3 घंटे तक का टाल-मटोल करती रही और उसको वहां बैठा कर रखा और पुलिस ने किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की.

महिला के घर वालों ने ही कर दी हत्या

शौरती गांव में हुई दिल दहलाने वाली घटना में मृतक महिला के पति ने मीडिया से बातचीत में बताया कि अगर पुलिस मेरे कहने पर ही एक्शन ले लेती तो शायद उसकी पत्नी की हत्या नहीं हुई होती. मृतक महिला के पति से जब बात की तो उसने बताया कि उसके घर वाले जब उसको जबरदस्ती अपने साथ लेकर जा रहे थे तो इसकी जानकारी पुलिस को दी गई थी. लेकिन उन्होंने मेरी बात को हल्के में लिया और कहा कि घरवाले ले जा रहे हैं, थाने बुलाकर बयान लेकर फ्री कर देंगे.

यह घटना दोपहर में करीब 11:30 की है. लेकिन ढाई घंटे इधर-उधर घूमने के बाद भी मृतक महिला के पति की सुनवाई नहीं हुई. यहां तक की पुलिस ने कहा कि महिला का मामला है यहां रिपोर्ट दर्ज नहीं होगी और उसे भगा दिया. जब सब कुछ खत्म हो गया तब उसको सूचना मिली तो उसने पुलिस को पत्नी शिमला की हत्या करने की जानकारी दी, इसके बाद आगे की कार्रवाई हुई.

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पोस्टमार्टम के बाद किया अंतिम संस्कार

पुलिस द्वारा शिमला बाई का अधजला शव अपने कब्जे में लेकर उसको हरनावदा चिकित्सालय पहुंचाया. जहां पर मेडिकल बोर्ड द्वारा उसका पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम के पश्चात शिमला के शव को फिर से शौरती गांव लाया गया, जहां पर पुलिस की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार दोबारा से किया गया. अंतिम संस्कार में उसके पति सहित ससुराल के लोग और रिश्तेदार मौजूद रहें. वहां मौजूद सभी लोगों के जुबान पर एक ही बात थी कि यदि पुलिस तुरंत कार्रवाई करती तो शिमला की जान बच जाती.

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