Rajasthan: "कैसे होगी स्कूलों के 86 हजार कमरों की मरम्मत?" राज्य सरकार के एक्शन प्लान पर राजस्थान हाईकोर्ट की फटकार

Rajasthan High Court: एक्शन प्लान पेश होने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि एक नया और समग्र प्लान तैयार कर दोबारा पेश किया जाए.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

सरकारी स्कूलों के जर्जर भवनों पर सरकार के एक्शन प्लान से राजस्थान हाईकोर्ट नाराज है. हाईकोर्ट ने सरकार को फिर से पूरा प्लान पेश करने के लिए कहा है. झालावाड़ स्कूल हादसे के मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सर्वे के मुताबिक करीब 86 हजार कमरे जर्जर हालत में हैं. इस प्लान रिपोर्ट में उन सभी कमरों को कैसे रिपेयर किया जाएगा, इन सभी कमरों की जानकारी नहीं मिल पा रही है. सख्ती दिखाते हुए कोर्ट ने सरकार से दोबारा रोडमैप पेश करने के लिए कहा है. गुरुवार (6 नवंबर) जस्टिस महेन्द्र गोयल और जस्टिस अशोक कुमार जैन की खंडपीठ ने राज्य सरकार के जवाब पर असंतोष जताया. कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि चुनावी वादों के हिसाब से नहीं, धरातल पर काम करें. आप 2047 के विजन की बात करते हो और आपके पास स्कूलों के लिए कल की ही प्लानिंग नहीं है.

सरकार का रोडमैप अधूरा- खंडपीठ

खंडपीठ ने कहा कि प्रस्तुत किया गया रोडमैप अधूरा है और यह सभी जर्जर विद्यालय भवनों के लिए लागू नहीं होता. खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय का उल्लेख किया, जिसमें नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट गाइडलाइन फॉर स्कूल सेफ्टी-2016 के पालना को जरूरी बताया गया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या वर्तमान में स्कूल भवनों का इंफ्रास्ट्रक्चर इन गाइडलाइनों के अनुरूप है या नहीं.

कोर्ट का सवाल- सीमित समय में कैसे होगी मरम्मत?

इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की ओर से एडवोकेट वागीश सिंह उपस्थित हुए. एडवोकेट वागीश सिंह के मुताबिक, "कोर्ट ने राज्य सरकार के जवाब पर नाराजगी जाहिर की. अदालत ने कहा कि रिपोर्ट दोबारा पेश करें और बताएं कि कैसे सीमित समय में इन भवनों को मरम्मत किया जाएगा."

24 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अविनाश मेहरोत्रा बनाम भारत सरकार के एक मामले में निर्णय दिया था कि सभी राज्य सरकारों को नेशनल डिजास्टर एक्ट में बनाई गई स्कूल सेफ्टी पॉलिसी 2016 की गाइडलाइन को फॉलो करना चाहिए. इसके लिए राज्य सरकार एक एफिडेविट पेश करे कि भवनों के निर्माण में इस गाइडलाइन की पालना की जा रही है या नहीं? मामले में अगली सुनवाई 24 नवंबर को है.

Advertisement

यह भी पढ़ेंः सांचौर का मौलवी TTP का एक्टिव सदस्य निकला, अफगानिस्तान भागने की फिराक में था; UAPA के तहत गिरफ्तार