Jhalawar Rain News: राजस्थान का चेरापूंजी कहे जाने वाले झालावाड़ में इस बारिश आधा सीजन बीत जाने के बाद अब चेरापूंजी जैसा एहसास होने लगा है. इस बार झालावाड़ में मानसून के तेवर वैसे नजर नहीं आ रहे थे, जैसे आमतौर पर यहां रहते हैं. हालांकि बारिश का दौर लगातार चलता रहा. लेकिन उम्मीद से कम बारिश होने से स्थानीय निवासियों को कुछ कमी लग रही थी. लेकिन बीते 4 दिनों में जिले के सभी क्षेत्रों में अच्छी बरसात होने से नदी नाले उफान पर हैं और जलाशयों में निरंतर जलस्तर बढ़ रहा है.
इस मौसम में छलक जाते थे तालाब
बता दें कि झालावाड़ शहर में कुल 5 बड़े तालाब हैं जो अमूमन इस समय उभान पर रहते हैं. स्थानीय लोग बारिश में इन तालाबों के छलक जाने के बाद के बाद के नजारों का पूरा मजा लेते हैं. लेकिन इस बार झालावाड़ शहर के पांचो तालाब अभी तक खाली हैं. सभी का जलस्तर लगभग आधा ही है. ऐसे में यहां के लोगों को काफी निराशा हो रही थी, लेकिन बीते 24 घंटे में सभी तालाबों का जलस्तर भी लगातार बढ़ा है.
कई इलाके हुए जलमग्न
झालावाड़ जिले में पिछले 24 घंटे में लगातार अच्छी बारिश हो रही है झालावाड़ के बकानी में पिछले बार 12 घंटे में 96 मिली मीटर, रायपुर में 108 मिली मीटर तथा गंगाधर में 94 में मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है. जबकि झालावाड़ शहर में पिछले 12 घंटे में 46 मिली मीटर बारिश हुई है. लगातार बारिश के चलते झालावाड़ जिले के सुनेल क्षेत्र के कड़ोदिया गांव में पानी भर गया है. इसके अतिरिक्त कालीसिंध बांध के गेट खुले हुए हैं, जिसके चलते निचले इलाकों में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है.
झालावाड़ मुख्यालय से लगभग एक दर्जन गांवों का संपर्क कट गया है. वहीं बकानी में एक पुलिया का आधा हिस्सा ज्यादा बरसात के चलते ढ़ह गया है. इसके अतिरिक्त जिले के कई बांध लबालब हो गए हैं जिनसे लगातार पानी की निकासी की जा रही है. पूरे जिले में नदियों के आसपास रहने वाले लोगों को चेतावनी जारी की गई है. वह सतर्कता से रहें और पानी बढ़ने पर तुरंत नदियों के किनारों से दूर चले जाएं.
यहां होती है औसत से अधिक बरसात
झालावाड़ जिले के डग, भवानी मंडी, पिडावा, खानपुर और मनोहर थाना क्षेत्र में खास तौर पर कुछ ज्यादा ही बारिश होती है. झालावाड़ जिले की बरसात 800 MM औसत मानी जाती है. लेकिन जिले का बारिश का आंकड़ा प्रत्येक वर्ष 1200 से 1500 MM तक भी चला जाता है. ऐसे में डग, भवानी मंडी और पिडावा क्षेत्र में तो बरसात का आंकड़ा कई बार 1500 से 2000 मिली मीटर तक भी पहुंच जाता है.
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