Rajasthan: 4 महीने पहले बाड़मेर के स्कूल में हादसे के चलते 1 मासूम की हुई थी मौत, आज भी जर्जर पड़ा है भवन

Jhalwar school Building collapse: झालावाड़ में स्कूल हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए है कि जर्जर और उपयोग के लिए असुरक्षित पाए जाने पर भवनों को तुरंत खाली करवाया जाए.

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बाड़मेर के स्कूल की 4 महीने बाद भी किसी ने सुध नहीं ली.

Barmer News: झालावाड़ में सरकारी स्कूल के हादसे ने शिक्षा विभाग की पोल खोल दी है. जर्जर बिल्डिंग में पढ़ने वाले कई मासूमों ने जान गंवा दी. ऐसा पहला मामला नहीं है, जब स्कूल की छत गिर गई हो. इससे पहले भी बाड़मेर में ऐसा हादसा हो चुका है और इसमें एक मासूम बच्ची की जान चली गई थी. लेकिन 4 महीने बीत जाने के बाद भी उसकी किसी ने सुध नहीं ली है. हादसा जिले में चौहटन उपखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय, बांकाणा कुआ में हुआ था. यहां गेट के पिलर के गिरने से 11 वर्षीय मासूम बच्ची की मौत हो गई थी. लेकिन इस स्कूल के हालात आज भी सुधरे नहीं है. जर्जर हालत में पड़े स्कूल भवन में बच्चे पढ़ने को मजबूर है.

पिलर गिरने से चपेट में आ गई थीं दो बच्चियां

बता दें कि जब छुट्टी के समय बच्चियां स्कूल गेट पर खेल रही थीं. तभी पिलर गिर गया और दो बच्चियां इसकी चपेट में आ गई थीं. डॉक्टरों ने कक्षा 4 की बच्चीविमला (11) को मृत घोषित कर दिया था और कक्षा 3 की छात्रा मीनाक्षी (9) गंभीर रूप से घायल हो गई थी. इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कोई एक्शन नजर नहीं आ रहा है. बच्ची की मौत के मामले में स्कूल के दो शिक्षकों पर जरूर गाज गिरी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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जर्जर हालत में हैं जिले में 50 भवन

वहीं, बाड़मेर के जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) कृष्ण सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी जर्जर भवन में बच्चों को नहीं बिठाया जाए. हालात यह है कि जिले में 50 से अधिक स्कूलों में भवन जर्जर हालत में हैं, जिसको लेकर उच्च अधिकारियों को मरम्मत के लिए अवगत करवाया गया है. सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को पाबंद किया गया है कि स्कूल के जर्जर भवन में बच्चों को बैठकर पढ़ाई नहीं करवाई जाएं.

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