
Rajasthan Dilapidated School: झालावाड़ के स्कूल में हुआ भीषण हादसा राजस्थान ही बल्कि देशभर में लोगों को झंकझोर दिया है. छत ढ़हने से 7 मासूम बच्चों ने अपनी जान गंवा दी है, वहीं 27 बच्चे घायल हैं. इन सबके बीच हैरत की बात ये है कि प्रशासन तभी हरकत में आता है जब पिपलोदी गांव की तरह कोई बड़ा हादसा होता है. अब हमारी टीम ने अलग-अलग जिले में रिपोर्ट की तो हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. जहां कई स्कूल बेहद जर्जर हालत में चल रहे है. इसकी सुध कोई नहीं ले रहा और बच्चे अपनी जांन जोखिम में डालकर यहां पढ़ने आ रहे हैं.
भरतपुर के गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल की बिल्डिंग जर्जर
भरतपुर के सेवर ब्लॉक के गांव चिकसाना में स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल की हालत बेहद खराब है. स्कूल की बिल्डिंग जर्जर अवस्था में है, जिसकी वजह से बच्चों को रोजाना डर के साए में पढ़ाई करनी पड़ रही है. स्कूल के शिक्षक कई बार इस समस्या को लेकर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों शिकायत दे चुके है, लेकिन इसका समाधान नहीं हुआ है. स्कूल परिसर में साफ-सफाई का भी अभाव है. जहरीले जीव-जंतु विचरण करते रहते हैं, जिससे बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.

करौली जिले में स्कूल भवनों की खस्ता हालत में साफ दिखाई देती है. जिला मुख्यालय, सपोटरा, और हिंडौन सिटी सहित कई इलाकों के राजकीय विद्यालय इस कदर जर्जर हो चुके हैं. अब ये शिक्षा के मंदिर नहीं, बल्कि जानलेवा हादसों के केंद्र बन चुके हैं. हालत इतनी गंभीर है कि बच्चों की जान पर खतरा मंडरा रहा है और पढ़ाई पूरी तरह से खतरे में पड़ चुकी है.

बालोतरा जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर जूनी जेरला गांव का प्राथमिक स्कूल भवन भी पिछले 4 साल से जर्जर है. ऐसे में वैकल्पिक तौर पर स्कूल परिसर में ही बने एक कमरे के आंगनवाड़ी केंद्र में स्कूल संचालित की जा रही है. स्कूल प्रभारी ने बताया कि जर्जर भवन को लेकर कई बार विभाग व जनप्रतिनिधियो को अवगत करवाया गया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
गंगापुर सिटी में जर्जर सरकारी स्कूल
अलवर के राजगढ़ बस स्टैंड सड़क मार्ग स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विधालय नम्बर 2 का भवन क्षतिग्रस्त होने के कारण बच्चों पर खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है.

कमरों के क्षतिग्रस्त का मुख्य कारण है कि विद्यालय भवन के पीछे एक पुरानी खाई बनी हुई है, जिसमें पानी भरा रहता है और इस वजह से कमरों में सीलन आ गई और दो कमरे पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं विद्यालय की चारदीवारी भी टूट चुकी है. इन सभी समस्याओं को लेकर प्रधानाध्यापक नरेश चन्द सैनी ने एसडीएम, सीबीईओ व नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी को लेकर काफी लंबे समय से पत्र व्यवहार कर रहे है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.

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