झुंझुनूं : शहीद अजय सिंह 18 जुलाई को आने वाले थे घर, एक दिन पहले आया पार्थिव शरीर

शहीद अजय सिंह नरूका 18 जुलाई को छुट्टी लेकर गांव आने वाले थे. लेकिन किसी को क्या पता था कि उनके छुट्टी पर आने से एक दिन पहले उनका पार्थिव शरीर आएगा.

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Jhunjhunu Martyr Ajay Singh Naruka: जम्मू-कश्मीर में डोडा शहर से करीब 55 किमी दूर हुए आतंकी मुठभेड़ में झुंझुनूं के शहीद अजय नरुका को बुधवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. सिपाही अजय को उनके छोटे भाई कर्मवीर ने मुखाग्नि दी. 10वीं राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात शहीद अजय सिंह 18 जुलाई यानी गुरुवार को छुट्टी पर गांव आने वाले थे. हालांकि, एक दिन पहले उनका पार्थिव शरीर उनके गांव आया. 

6 साल पहले सेना में हुए थे भर्ती

झुंझुनूं में भैसावता कलां के रहने वाले अजय सिंह नरूका करीब 6 साल पहले पहले सेना में भर्ती हुए थे. अभी 10वीं राष्ट्रीय राइफल्स में तैनाती थी. शहीद अजय सिंह नरूका की शालू कंवर के साथ 2021 में शादी हुई थी. शहीद के पिता कमल सिंह भी 24 राजपूत से 2015 में सेवानिवृत हुए हैं. उनका बड़ा भाई करणवीर सिंह भटिंडा एम्स में डॉक्टर है, जबकि चाचा कायम सिंह भी भारतीय सेना की 23 राजपूत रेजीमेंट में सिक्किम में तैनात हैं. 

18 जुलाई को छुट्टी पर आने वाले थे घर

अजय सिंह नरूका 18 जुलाई को छुट्टी लेकर गांव आने वाले थे. लेकिन किसी को क्या पता था कि उनके छुट्टी पर आने से एक दिन पहले उनका पार्थिव शरीर आएगा. जैसे ही शहीद अजय नरुका का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो पत्नी शालू कंवर ताबूत से लिपटकर रोने लगी. बूढ़ी मां का भी यही हाल रहा. पिता कमलसिंह के आंखों में बेटे की शहादत के गर्व आंसू थे. अजय सिंह के पिता ने आखिरी दर्शन करने के बाद आर्मी कैप पहनकर बेटे को सलामी दी. भाई को तिरंगे में लिपटा देख बहन बेहोश हो गई.

अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ी भड़ी

शहीद अजय का परिवार पिलानी रह रहा था, शहादत की खबर मिलने के बाद कल ही गांव पहुंच गए. शहीद जवान को अंतिम विदाई देने के लिए भैसावता कलां गांव समेत आसपास गांव के भी लोगों की भारी भीड़ उमड़ी. सिंघाना से भैसावता कलां तक तिरंगा यात्रा निकाली. लोगों ने अजय को फूल बरसाकर विदा किया. शहीद अजय नरुका के अंतिम संस्कार में जिले के आला अधिकारी व नेता शामिल रहे. शहीद अजय सिंह को सेना के जवानों की तरफ से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

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