Rajasthan News: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए झुंझुनू के दोनों जवानों का पार्थिव शरीर स्पेशल विमान से जयपुर पहुंच गया है. सुबह करीब 10 बजे चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एयरपोर्ट पहुंचकर दोनों शहीदों को श्रद्धाजलि अर्पित की. इस दौरान मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि सेना और सरकार ईंट का जवाब पत्थर से देगी.
#WATCH | Jaipur | Rajasthan Congress President Govind Singh Dotasra and LoP Tika Ram Jully pay tributes to Sepoy Ajay Singh Naruka and Sepoy Bijendra Kumar, who laid their lives in the line of duty during the Doda encounter in Jammu & Kashmir pic.twitter.com/r00eImQuTU
— ANI (@ANI) July 17, 2024
4 घंटे बाद झुंझुनू पहुंचेगा पार्थिव शरीर
अब एयरपोर्ट से दोनों जवानों के पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग के जरिए झुंझुनू की बुहाना तहसील में गांव डूमोली कलां और गांव भैसावता कलां ले जाया जाएगा, जहां दोपहर को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. पहले करीब 10 बजे आर्मी के काफिले को गांव में दाखिल होना था, मगर देरी के कारण अब करीब 4 घंटे बाद परिजनों को पार्थिव शरीर सौंपा जाएगा. इस वक्त दोनों शहीदों के घर पर श्रद्धांजलि देने के लिए भारी भीड़ जमा है, जो दिन बीतने के साथ बढ़ती जा रही है. नम आंखों से लोग आर्मी के ट्रक के आने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि एक आखिरी बार गांव के लाल को देख सकें और उसे श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें.
#WATCH | Rajasthan | Mortal remains of Sepoy Ajay Singh Naruka and Sepoy Bijendra Kumar brought to Jaipur, to be taken to their native villages Bhaisawata and Dumoli respectively in Jhunjhunu
— ANI (@ANI) July 17, 2024
Four Indian Army personnel, including an Officer, were killed in action during an… pic.twitter.com/gznIEDqCOH
एक साथ भर्ती, ट्रेनिंग के बाद अब शहादत
खुमा की ढाणी के बिजेंद्र सिंह और भैसावता कलां के अजय सिंह नरूका करीब 8 साल पहले एक साथ आर्मी में भर्ती हुए थे. दोनों की ट्रेनिंग एक साथ हुई थी, और अब शहादत भी साथ हुई है. दोनों शहीद जवान 10वीं राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे. शहीद अजय सिंह नरूका 18 जुलाई को छुट्टी लेकर गांव आने वाले थे. जबकि बिजेंद्र 5 दिन पहले गांव आने वाले थे, लेकिन छुट्टी रद्द होने के कारण वे नहीं आ सके. इसी दौरान एक मुठभेड़ में दोनों जवानों की शहादत हो गई.
पत्नी के जन्मदिन पर मिली शहादत की खबर
दोनों शहीद जवान शादीशुदा हैं. शहीद बिजेंद्र के पिता रामजीलाल किसान हैं. जबकि भाई दशरथ सिंह सेना में कार्यरत है. वर्तमान में उसकी पोस्टिंग लखनऊ में है. 2018 में आर्मी में भर्ती होने के अगले ही साल बिजेंद्र की शादी हो गई थी. उनके दो बच्चे हैं. 4 साल का विहान व 1 साल का किहान है. सोमवार को उनकी पत्नी का जन्मदिन था, और उसी दिन परिवार को बेटे के शहादत की खबर मिली. यह खबर सुनकर पूरा परिवार टूट गया. आंसू रोके नहीं रुके. जिस बेटे-पति के साथ वो छुट्टियां बिताने का इंतजार कर रहे थे, वो अब तिरंगे में लिपटकर लौट रहा है. गांव में शौक की लहर है, और सभी की आंखें नम हैं.
3 साल पहले ही हुई थी शहीद अजय की शादी
वहीं, शहीद अजय सिंह नरूका की शादी 2021 में हुई थी. उनकी पत्नी का नाम शालू कंवर है. शहीद के पिता कमल सिंह भी 24 राजपूत से 2015 में सेवानिवृत हुए हैं. उनका बड़ा भाई करणवीर सिंह भटिंडा एम्स में डॉक्टर है. जबकि चाचा कायम सिंह भी भारतीय सेना की 23 राजपूत रेजीमेंट में सिक्किम में तैनात हैं. उन्हें 2022 में सेना मैडल से भी नवाजा गया था. अब तक झुंझुनू जिले के 485 वीर जांबाजों ने देश रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. झुंझुनू जिले के गांव-गांव में शहीदों की मूर्तियां लगी हैं. यहां शहीदों को भगवान की तरह पूजा जाता है. शहर की हर सड़क का नाम शहीदों के नाम पर है. जिले के 485 सैनिक अब तक देश के लिए शहादत दे चुके हैं.
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