ऑपरेशन सिंदूर में शहीद सुरेंद्र मोगा को मिला 'वायु सेना मेडल', वीरांगना पत्नी ने हिंडन एयरबेस पर ग्रहण किया सम्मान

Air Force Day 2025: झुंझुनूं के शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा को 'ऑपरेशन सिंदूर' में अदम्य साहस के लिए मरणोपरांत वायु सेना मेडल (वीरता) से सम्मानित किया गया. उनकी वीरांगना पत्नी सीमा मोगा ने हिंडन एयरबेस पर सम्मान ग्रहण किया. पढ़ें रविंद्र चौधरी की रिपोर्ट.

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गर्व से ऊंचा हुआ झुंझुनूं का सिर: शहीद सुरेंद्र मोगा को वायु सेना मेडल (वीरता) से नवाजा गया.
NDTV Reporter

Rajasthan News: देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को जब सम्मान मिलता है, तो गर्व और आंसू एक साथ बह निकलते हैं. आज 93वें वायु सेना दिवस के मौके पर ऐसा ही एक बेहद भावुक और गौरवशाली पल देखने को मिला. राजस्थान के झुंझुनूं जिले के बहादुर सपूत शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा को मरणोपरांत भारतीय वायु सेना मेडल (वीरता) से सम्मानित किया गया है. गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर बुधवार को हुए भव्य समारोह में, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने ये सम्मान शहीद की वीरांगना पत्नी सीमा मोगा को प्रदान किया है.

ऑपरेशन सिंदूर के लिए मिला सम्मान

सार्जेंट सुरेंद्र मोगा का ये सम्मान उनकी अदम्य वीरता और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है. उन्हें यह मेडल 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान दिखाए गए असाधारण साहस और अदम्य समर्पण के लिए दिया गया है. वायु सेना दिवस पर जब एयर चीफ मार्शल ने खुद आगे बढ़कर वीरांगना सीमा मोगा को उनके शहीद पति का सम्मान सौंपा, तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं. यह मेडल सिर्फ एक धातु का टुकड़ा नहीं, बल्कि उस सर्वोच्च बलिदान की अमिट निशानी है जो सुरेंद्र मोगा ने देश की रक्षा करते हुए दिया. शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा झुंझुनूं जिले के मंडावा उपखंड के छोटे से गांव मेहरादासी के रहने वाले थे. उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी.

पूरा परिवार देश सेवा में समर्पित

शहीद सुरेंद्र मोगा के परिवार की कहानी भी कम प्रेरक नहीं है. यह परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी देश की सेवा में समर्पित रहा है. उनके पिता शिशुपाल मोगा खुद केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) से सेवानिवृत्त हैं. उनके चाचा प्यारेलाल मोगा भी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. और उनकी पत्नी सीमा मोगा के पिता, यानी उनके ससुर रामनिवास मील भी भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त हैं. यानी, सुरेंद्र मोगा के खून में ही देशभक्ति और सेवा थी. ऐसे परिवार का सपूत जब देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देता है, तो उनका सम्मान और भी बढ़ जाता है. हिंडन एयरबेस पर हुए इस सम्मान समारोह में वीरांगना सीमा मोगा की हिम्मत और गरिमा ने हर किसी को भावुक कर दिया. वह अपने पति की बहादुरी का प्रतीक, यह वायु सेना मेडल लेकर लौटी हैं, जो झुंझुनूं ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान और देश के लिए गर्व का विषय है.

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