Rajasthan News: राजस्थान के झुंझुनूं शहर में इन दिनों सड़कों को अतिक्रमण मुक्त बनाने की बड़ी पहल चल रही है. नगर परिषद की टीम लगातार तीसरे दिन भी मैदान में उतरी और पुलिस की मदद से अवैध कब्जों पर नकेल कसी. इस अभियान की वजह से व्यापारियों में हलचल मची हुई है, क्योंकि न्याय मित्र केके गुप्ता का दौरा सिर पर है. वे न सिर्फ रिपोर्ट लेंगे बल्कि खुद जमीनी हकीकत का जायजा लेंगे. ऐसे में शहर प्रशासन हर मोर्चे पर सतर्क है.
विरोध के बावजूद नहीं रुकी कार्रवाई
सुबह-सुबह नगर परिषद की टीम ने राजस्व अधिकारी अंकेश कुमावत और वरिष्ठ सफाई निरीक्षक अली हसन की अगुवाई में अभियान शुरू किया. दो दर्जन से ज्यादा सफाई कर्मचारी साथ थे. सबसे पहले शाहों वाले कुएं के पास से शुरुआत हुई और फिर नेहरू बाजार की ओर रुख किया. यहां कुछ व्यापारियों ने सामान जब्त करने का जोरदार विरोध किया.
उन्होंने टीम को रोकने की कोशिश की और सामान उठाने नहीं दिया. लेकिन पुलिस जाब्ते की मौजूदगी से टीम ने सख्ती बरती और कार्रवाई जारी रखी. इसी तरह शहीदान चौक और पुरानी सब्जी मंडी में भी तनाव का माहौल रहा. व्यापारी चिल्लाए, बहस हुई, लेकिन प्रशासन पीछे नहीं हटा. कई दुकानदारों ने अपना सामान जल्दी-जल्दी समेट लिया ताकि जब्ती से बच सकें. पूरी कार्रवाई करीब दो घंटे तक चली और शहर के मुख्य बाजारों को कवर किया.
पांच ट्रॉली सामान जब्त, तीन दिनों में कुल 10 ट्रॉली
इस दिन की कार्रवाई में नगर परिषद ने पांच ट्रेक्टर ट्रॉली भरकर सामान जब्त किया. राजस्व अधिकारी अंकेश कुमावत और अली हसन ने बताया कि पिछले तीन दिनों में कुल दस ट्रॉली सामान इकट्ठा हो चुका है. वे बोले कि दुकानों के बाहर सामान फैलाकर रखने और सड़कों पर बड़े-बड़े कब्जे करने वालों पर विशेष नजर है.
साथ ही लोगों को समझाया भी जा रहा है कि सड़कें सबकी हैं, इन्हें साफ-सुथरा रखना जरूरी है. अभियान अभी रुकने वाला नहीं है और 15 दिसंबर तक जारी रहेगा. इस दौरान और सख्ती की उम्मीद है.
रिपोर्ट और निरीक्षण का दबाव
झुंझुनूं की स्थायी एवं अनवरत लोक अदालत ने न्याय मित्र केके गुप्ता को नियुक्त किया है. वे आज से दो दिनों के लिए शहर में आएंगे. उनका मकसद अतिक्रमण के अलावा सफाई व्यवस्था, रोशनी की स्थिति और बेसहारा पशुओं की समस्या पर बिंदुवार रिपोर्ट लेना है. साथ ही वे खुद विभिन्न इलाकों का निरीक्षण करेंगे.
इसी वजह से नगर परिषद की अलग-अलग टीमें पहले से ही सक्रिय हो गई हैं. अभियान को गति देने के लिए पुलिस का साथ लिया जा रहा है ताकि कोई बाधा न आए. शहरवासियों का कहना है कि यह मुहिम लंबे समय से जरूरी थी, क्योंकि अतिक्रमण से यातायात और बाजारों में दिक्कतें बढ़ गई थीं.
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