Bulldozer action against encroachment: जोधपुर में गुरुवार (19 जून) को नगर निगम और पुलिस की टीम उम्मेद सागर बांध के पास अतिक्रमण हटाने पहुंची. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का विरोध किया. लोगों का कहना है कि वे यहां लंबे समय से रह रहे हैं. अगर उन्हें यहां से हटा दिया जाएगा तो वे कहां रहेंगे? दूसरी ओर, पुलिस-निगम की ओर से पूरी सतर्कता बरतते हुए कार्रवाई की गई. किसी भी अप्रिय घटना की आशंका के मद्देनजर मौके पर 300 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया. साथ ही कार्रवाई की पूरी वीडियोग्राफी भी कराई गई. पुलिस के मुताबिक, तीन लेयर में पुलिस बलों को तैनात किया था. इस दौरान नगर निगम की तरफ से जेसीबी की 10 मशीनें मंगवाई गईं.
"हम गरीब हैं, हमारी कोई सुनने वाला नहीं"
स्थानीय महिला कंचन भाटी ने कहा, "कम से कम हमें 3 दिन का समय दे देते तो अच्छा रहता. हमारा सामान यहां पर पड़ा हुआ है. जिस तरह की कार्रवाई प्रशासन की तरफ से की जा रही है, हमें समझ नहीं आ रहा है कि हम अपना सामान लेकर कहां जाएं? इतनी जल्दी में कोई किराए पर भी मकान नहीं देगा. हम गरीब आदमी हैं, हमारी कोई भी सुनने वाला नहीं है. शासन-व्यवस्था भी हमारी सुनने के लिए तैयार नहीं है."
जब उनसे पूछा गया कि आपने यह मकान किससे खरीदा था, तो उन्होंने कहा कि हमने यह किसी से नहीं खरीदा था. लेकिन, हम यहां पर लंबे समय से रह रहे हैं. अब प्रशासन ने इसे ध्वस्त करने का फैसला किया है. अब हम क्या करें? पुलिस प्रशासन ही हमें कुछ बताए.
कार्रवाई से पहले 100 से ज्यादा मकान किए गए चिन्हित
जोधपुर के एडीसीपी सुनील पंवार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम अतिक्रमण के खिलाफ यह कार्रवाई कर रहे हैं. इसके लिए हमने पूरी तैयारी पहले ही कर ली थी. उन्होंने बताया कि कार्रवाई में 100 से ज्यादा मकानों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें ध्वस्त किया जाएगा.
अधिकारियों पर हुई थी पत्थरबाजी
बता दें कि इससे पहले भी यहां नगर निगम की टीम अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची थी, जिसे स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था. लोगों ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने आए नगर निगम के अधिकारियों पर पत्थरबाजी भी की थी.
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